गुवाहाटी: असम सरकार ने मुख्यमंत्री और विधानसभाध्यक्ष सहित सभी निर्वाचित प्रतिनिधियों का वेतन एक अप्रैल से 50 प्रतिशत तक बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है. संसदीय कार्य मंत्री चंद्र मोहन पटवारी ने इस संबंध में असम विधानसभा में तीन विधेयक पेश किए. विधानसभाध्यक्ष और उपाध्यक्ष का वेतन बढ़ाने के विधेयक के मुताबिक, उनकी तनख्वाह मौजूदा 80000 रुपये और 75000 रुपये से बढ़ाकर प्रतिमाह क्रमश: 1.2 लाख रुपये और एक लाख रुपये करने का प्रस्ताव दिया गया है. इस तरह दोनों के मौजूदा वेतन में क्रमश: 50 प्रतिशत और 33.33 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी.


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वेतन के अलावा दोनों को संसदीय मदद और व्यय के रूप में 30000 रुपये का भत्ता भी मिलेगा. मुख्यमंत्री को मौजूदा वेतन 90000 रुपये की तुलना में 1.3 लाख रुपये मिलेगा. इसके अलावा भत्ते का भी प्रस्ताव है. कुल मिलाकर हर महीने 1.64 लाख रुपये मिलेगा. कैबिनेट मंत्रियों और विपक्ष के नेता का वेतन मौजूदा 80000 रुपये से बढ़ाकर 1.1 लाख रुपये किया गया है.


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सभी विधायकों का वेतन भी मौजूदा 60000 रुपये प्रतिमाह को बढ़ाकर 80000 रुपये  करने का प्रस्ताव दिया गया है. पूर्व विधायकों की पेंशन बढ़ाने का भी प्रस्ताव दिया गया है. 


मां-बाप की देखभाल नहीं की तो कटेगी सैलरी
आपको बता दें कि 2017 में असम विधानसभा ने एक विधेयक पारित किया था. जिसमें प्रावधान किया गया था कि अगर राज्य सरकार के कर्मचारी अपने अभिभावकों और दिव्यांग भाई-बहनों की देखभाल नहीं करेंगे तो उनके मासिक वेतन में 10 प्रतिशत की कटौती की जाएगी. वेतन से काटी गयी राशि उनके अभिभावकों या भाई-बहनों को उनकी देखभाल के लिए दी जाएगी. असम कर्मचारी अभिभावक जवाबदेही एवं निगरानी विधेयक, 2017 के प्रावधानों के तहत राज्य सरकार या असम में किसी अन्य संगठन के कर्मचारी अपने अभिभावकों या दिव्यांग भाई बहनों की देखभाल करेंगे.


इनपुट भाषा से भी