खुर्शीद ने सफाई देते हुए कहा कि मैंने यह नहीं का था कि अटैक मेरे कार्यकाल में हुआ. जिस शख्स पर हमला किया गया (विंग कमांडर अभिनंदन) वह यूपीए के शासनकाल में एयरफोर्स से जुड़े थे. मैंने सिर्फ सच कहा है. मैंने कोई क्रेडिट नहीं लिया.'
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नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने बीते शनिवार को विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान के साहस की तारीफ करते हुए ट्वीट किया. हालांकि, सलमान खुर्शीद अपने इस ट्वीट के चलते सोशल मीडिया पर ट्रोल हो रहे हैं. दरअसल, उन्होंने ट्वीट में कहा था कि 'दुश्मन की आक्रामकता के सामने भारतीय प्रतिरोध के चेहरे विंग कमांडर अभिनंदन को बहुत बधाई. हमें इस बात का गर्व है कि वह वर्ष 2004 में एयरफोर्स में शामिल हुए और यूपीए के शासनकाल के दौरान एक मैच्योर फाइटर पायलट बने.' इस ट्वीट से लग रहा था कि वह विंग कमांडर के शौर्य का श्रेय लेना चाहते हैं.
Many kudos for Wing Commander abhi Varthaman the face of India’s resistance to enemy aggression. Great poise and confidence in face of adversity. We are proud that he received his wings in 2004 and matured as fighter pilot during UPA
— Salman Khurshid (@salman7khurshid) March 2, 2019
इसे लेकर ही वह सोशल मीडिया पर लोगों के निशाने पर आ गए और उनकी जमकर आलोचना हो रही है. सलमान खुर्शीद ने रविवार को अपने बयान पर सफाई दी. हालांकि, वह अपने बयान पर कायम रहे और कहा कि उन्होंने जो कुछ भी लिखा, वह सच है. खुर्शीद ने सफाई देते हुए कहा कि मैंने यह नहीं का था कि अटैक मेरे कार्यकाल में हुआ. मैंने यह कहा था कि जिस शख्स पर हमला किया गया (विंग कमांडर अभिनंदन) वह यूपीए के शासनकाल में एयरफोर्स से जुड़े थे. मैंने सिर्फ सच कहा है. मैंने कोई क्रेडिट नहीं लिया.'
Salman Khurshid, Congress on his tweet on #AbhinandanVarthaman: I didn't say the attack happened during my tenure, I had said that the person who attacked was commissioned in the Air Force during our tenure. I had only stated truth. I did not take credit. pic.twitter.com/63IfHdLuYV
— ANI (@ANI) March 3, 2019
खुर्शीद ने शनिवार को ट्वीट करते हुए लिखा था कि दुश्मन की आक्रामकता के सामने भारतीय प्रतिरोध के चेहरे विंग कमांडर अभिनंदन को बहुत बधाई. कठिन समय में भी उन्होंने शानदार संतुलन और आत्मविश्वास का प्रदर्शन किया. हमें इस बात का गर्व है कि वह वर्ष 2004 में एयरफोर्स में शामिल हुए और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) के शासनकाल के दौरान एक मैच्योर फाइटर पायलट बने. वहीं, आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता कुमार विश्वास ने भी खुर्शीद पर तंज कसा है.
मैंने 2004 में मारुति जेन ख़रीदी थी ! UPA का चारों टायरों की ओर से और सलमान साहब का मडगार्ड की ओर से आभार https://t.co/3SdpZPxOrd
— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) March 3, 2019
इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और महासचिव दिग्विजय सिंह ने भारतीय वायुसेना द्वारा पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर की गई एयर स्ट्राइक से सबूत मांगे थे. दिग्विजय सिंह ने कहा था कि तकनीक के इस जमाने में किसी भी चीज का सबूत मिल जाता है. सरकार को एयर स्ट्राइक का सबूत देना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर कोई सरकार से एयर स्ट्राइक सबूत मांगता है तो भारत सरकार को सबूत देकर उनका मुंह बंद कर देना चाहिए. दिग्विजय ने विंग कमांडर अभिनंदन वर्थमान को रिहा करने के फैसले पर पाकिस्तान के पीएम इमरान खान को बधाई भी दी.
दिग्विजय सिंह ने कहा कि अमेरिका ने भी ओसामा बिन लादेन की मौत का सबूत दिया था. उसी तरह भारत सरकार को भी एयर स्ट्राइक का सबूत देना चाहिए. अभिनंदन की वतन वापसी को लेकर बोले उन्होंने कहा कि मैं पाकिस्तान के पीएम इमरान को इसके लिए बधाई देता हूं. उन्होंने साबित किया कि वे अच्छे पड़ोसी हैं. इमरान ने बिना टालमटोल किये विंग कमांडर को छोड़ दिया. अब इमरान खान को बहादुरी से हाफिज सईद ओर अजहर मसूद को भी भारत को सौंप देना चाहिए.
वहीं, तृणमूल कांग्रेस ने भी शनिवार को आरोप लगाया कि बीजेपी के मंत्री पाकिस्तान में हवाई हमले में हताहतों की संख्या के बारे में मीडिया में ''बढ़ा चढ़ाकर'' आंकड़े लीक कर रहे हैं. तृणमूल कांग्रेस ने यह भी दावा किया कि केंद्र सरकार द्वारा दिये गये किसी भी आंकड़े को ''गंभीरता'' से नहीं लिया जा सकता है. तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता डेरेक ओ ब्रायन ने ट्विटर पर कहा कि सुरक्षा बलों ने हमले में हताहतों की कुल संख्या के बारे कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी है.
इस बयान के आने से एक दिन पहले ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सीमा पार जैश-ए-मोहम्मद के ठिकाने पर हवाई हमले के असर को लेकर सरकार से सबूत मांगे थे. भारत ने 14 फरवरी को पुलवामा हमले के बाद यह हवाई हमला किया. पुलवामा हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गये थे.