Sambhal Violence Jama Masjid Survey: उत्तर प्रदेश के संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा के मामले में सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क और सपा विधायक इकबाल महमूद के बेटे सोहेल इकबाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. पुलिस ने अब तक सात मुकदमे दर्ज कर 25 लोगों को गिरफ्तार किया है. हिंसा में 800 लोगों को आरोपी बनाया गया है, जिनमें 2,750 अज्ञात शामिल हैं.


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हिंसा में तीन की मौत, 20 लोग घायल


रविवार को हुई इस हिंसा में तीन लोगों की जान गई और 20 लोग घायल हुए, जिनमें प्रशासन और पुलिस के अधिकारी भी शामिल हैं. घायलों में उपजिलाधिकारी रमेश चंद्र और अन्य सुरक्षा अधिकारी हैं. मुरादाबाद के मंडलायुक्त के अनुसार, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में देशी बंदूक से गोली चलने की बात सामने आई है.


बर्क और अन्य पर उकसाने का आरोप


पुलिस ने आरोप लगाया है कि सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क और अन्य ने भड़काऊ बयान देकर लोगों को उकसाया. पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई के अनुसार, बर्क के पुराने बयानों से माहौल खराब हुआ. हिंसा के दौरान बर्क बेंगलुरु में थे, लेकिन उनके पुराने बयानों को ही आधार बनाकर कार्रवाई की गई है.


ड्रोन और सीसीटीवी से दंगाइयों की पहचान


पुलिस ने हिंसा के दौरान हुई घटनाओं की वीडियो फुटेज और ड्रोन कैमरों की मदद से आरोपियों की पहचान शुरू कर दी है. दंगाइयों की तस्वीरें जारी की जाएंगी, और उनकी जानकारी देने वालों को इनाम दिया जाएगा. अब तक 22 आरोपी कोतवाली क्षेत्र और तीन नखासा थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किए गए हैं.


मस्जिद प्रबंधन ने प्रशासन को ठहराया दोषी


जामा मस्जिद प्रबंधन समिति ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. अध्यक्ष जफर अली ने कहा कि मस्जिद का सर्वे गैरकानूनी तरीके से हुआ और खोदाई की अफवाह फैलने से भीड़ उग्र हुई. उनका दावा है कि उपजिलाधिकारी और पुलिस अधिकारियों की जिद और लाठीचार्ज के कारण हिंसा भड़की.


सर्वे को लेकर विवाद गहराया


जामा मस्जिद का सर्वे अदालत के आदेश पर किया गया था. एक याचिका में दावा किया गया है कि मस्जिद के स्थान पर पहले हरिहर मंदिर था. इस दावे के बाद इलाके में तनाव बढ़ गया था. रविवार को मस्जिद का दूसरा सर्वे किया गया, जिसके बाद हिंसा भड़क गई.


विहिप ने की कड़ी कार्रवाई की मांग


विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई की मांग की है. विहिप ने आरोप लगाया कि यह हिंसा मुस्लिम कट्टरपंथियों के इशारे पर की गई और सपा-कांग्रेस नेताओं ने इसे भड़काने में भूमिका निभाई.


हिंसा के बाद संभल में सख्त सुरक्षा


हिंसा के बाद संभल में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. इंटरनेट सेवाएं बंद हैं, और 12वीं कक्षा तक के सभी स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया गया है. जिले में 30 नवंबर तक बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है.


स्थिति सामान्य, पर तनाव बरकरार


संभल में सोमवार को साप्ताहिक बंदी के बावजूद कुछ दुकानें खुलीं, लेकिन जामा मस्जिद क्षेत्र में सन्नाटा पसरा रहा. प्रशासन का कहना है कि हालात सामान्य हो रहे हैं, लेकिन तनाव अभी भी बरकरार है. क्षेत्र में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात है.


(एजेंसी इनपुट के साथ)