Advertisement
trendingNow12950655

बिहार के बाद अब महाराष्ट्र में भी SIR की मांग, संजय निरुपम बोले- यहां फर्जी वोटरों की संख्या ज्यादा

Maharashtra News: संजय निरुपम ने कहा, महाराष्ट्र में भी बड़ी संख्या में फर्जी मतदाता सूची में शामिल हैं, जिनमें से कुछ के अंडरवर्ल्ड से संबंध होने की आशंका है. शिवसेना यूबीटी के कुछ उम्मीदवार ऐसे फर्जी मतदाताओं के आधार पर जीतते हैं, एसआईआर के बाद सच्चाई सामने आ जाएगी.

बिहार के बाद अब महाराष्ट्र में भी SIR की मांग, संजय निरुपम बोले- यहां फर्जी वोटरों की संख्या ज्यादा

Sanjay Nirpam Demande SIR in Maharashtra: शिवसेना (शिंदे गुट) के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता संजय निरुपम ने सोमवार को महाराष्ट्र में भी फर्जी मतदाताओं को हटाने के लिए एसआईआर की मांग की. उन्‍होंने कहा कि प्रदेश में बड़ी संख्‍या में फर्जी मतदाता सूची में जुड़ गए हैं. संजय निरुपम ने कहा कि जिस तरह बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में एसआईआर (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) के तहत फर्जी मतदाताओं को हटाने का अभियान चलाया गया था, उसी तरह महाराष्ट्र में भी इसे शुरू की जानी चाहिए. बिहार में जब यह कार्रवाई हुई थी, तब विरोधी दलों ने विरोध किया था. आज वही लोग 'वोट चोरी' के आरोप लगाते हैं.

उन्होंने दावा किया कि महाराष्ट्र में भी बड़ी संख्या में फर्जी मतदाता सूची में शामिल हैं, जिनमें से कुछ के अंडरवर्ल्ड से संबंध होने की आशंका है. शिवसेना यूबीटी के कुछ उम्मीदवार ऐसे फर्जी मतदाताओं के आधार पर जीतते हैं, एसआईआर के बाद सच्चाई सामने आ जाएगी. उद्धव ठाकरे की पार्टी कांग्रेस की खुशामद करने वाली पार्टी बन गई है. बालासाहेब ठाकरे ने कांग्रेस को नकार दिया था, लेकिन उद्धव ठाकरे आज उसी पार्टी के भरोसे हैं. इसके बावजूद उन्हें कोई राजनीतिक लाभ नहीं मिला. निरुपम ने कहा कि उनकी शिवसेना हिंदुत्व के विचारों पर आगे बढ़ने वाली पार्टी है और भाजपा के साथ उसका गठबंधन मजबूत और स्थायी है. 

उद्धव ठाकरे पर बोला हमला
उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस और शरद पवार के साथ मिलकर बाला साहेब ठाकरे के विचारों से गद्दारी की है. उन्होंने कहा, “पिछले चार वर्षों से उद्धव ठाकरे, एकनाथ शिंदे पर आरोप लगाते हैं कि उन्होंने पार्टी, प्रतीक और उनके पिता की विरासत चुरा ली, लेकिन यह केवल भावनात्मक मुद्दा है, इसमें कोई कानूनी या तथ्यात्मक आधार नहीं है. असल में उद्धव ने खुद हिंदुत्व की विचारधारा छोड़ दी, जिससे शिवसैनिकों में असंतोष फैला. इसलिए शिंदे ने बाला साहेब के हिंदुत्व विचारों के अनुरूप भाजपा के साथ मिलकर आगे बढ़ने का निर्णय लिया.” निरुपम ने उद्धव ठाकरे से कहा कि अब रोना बंद करें और विकास के मुद्दों पर बात करें. धनुष-बाण प्रतीक शिवसेना का था और आज भी शिवसेना का है. 

Add Zee News as a Preferred Source

जब संविधान पर भरोसा नहीं तो संविधान बचाओ रैली किस बात की
उद्धव ठाकरे अगर एकनाथ शिंदे को डिप्टी सीएम नहीं मानते, तो यह संविधान का अपमान है. जब संविधान पर भरोसा नहीं है, तो 'संविधान बचाओ रैली' निकालने का क्या मतलब? बाला साहेब ठाकरे के रक्त के वारिस उद्धव हो सकते हैं, लेकिन विचारों के वारिस शिंदे और शिवसैनिक हैं. निरुपम ने कहा, “राउत का दावा कि एकनाथ शिंदे के पास पांच लाख करोड़ की संपत्ति है, पूरी तरह निराधार और हास्यास्पद है. जब किसी ने बाला साहेब ठाकरे पर 100 करोड़ की संपत्ति का आरोप लगाया था, तब उन्होंने कहा था 'कागज लेकर आओ और आधी संपत्ति ले जाओ.' अब वही बात मैं राउत से कहना चाहता हूं, कागज लेकर आइए और आधी संपत्ति लेकर जाइए.” निरुपम ने कहा कि विधानसभा चुनाव में जैसी स्थिति यूबीटी की रही थी, वैसी ही स्थिति स्थानीय निकाय चुनावों में भी होगी.

यह भी पढ़ेंः अमरनाथ, सोनमर्ग से ऊटी तक...14 राज्यों में 50 रूट्स पर धड़ाधड़ बनेंगे रोपवे

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

About the Author
author img
Ravindra Singh

देश-विदेश की खबरों के साथ क्राइम की खबरों पर पैनी नजर, एक दशक से भी ज्यादा समय से डिजिटल मीडिया में सक्रिय.

...और पढ़ें

TAGS

Trending news