शिवसेना प्रवक्ता और सामना के संपादक संजय राउत (Sanjay Raut) ने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ मुलाकात को लेकर सफाई दी है.
Trending Photos
मुंबई: शिवसेना प्रवक्ता और सामना के संपादक संजय राउत (Sanjay Raut) ने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ मुलाकात को लेकर सफाई दी है. उन्होंने कहा कि दोनों की मुलाकात पुराने सहयोगी होने के नाते थी और सामना में उनके इंटरव्यू के लिए बातचीत हुई. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि शिवसेना (Shivsena) के बिना एनडीए अधूरा है, कुछ ऐसे ही विचार उन्होंने अकाली दल (Shiromani Akali Dal) को लेकर जाहिर किए हैं.
शिवसेना-अकाली दल के बिना अधूरा है एनडीए
शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (National Democratic Alliance) यानि एनडीए बिना इन दोनों दलों के अधूरा है. संजय राउत ने कहा कि शिवसेना और अकाली दल एनडीए के सबसे पुराने और सबसे बड़े सहयोगी रहे हैं, लेकिन कुछ वजहों से अब हम साथ नहीं हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (OM Narendra Modi) पूरे देश के नेता हैं. वो उद्धव ठाकरे के भी नेता हैं और हमारे भी. उनके इस बयान के राजनीतिक मायने भी निकाले जा सकते हैं.
संजय राउत ने देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात को लेकर दी सफाई
संजय राउत से महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात के बाद तमाम अटकलबाजी होने लगी थी. इस मुद्दे पर उन्होंने कहा कि हम पहले सहयोगी रहे हैं. और अब हमारी मुलाकात सामना में इंटरव्यू के मुद्दे पर हुई थी. इसका अलग मतलब न निकाला जाए. हमारी मुलाकात पहले से तय थी और इसके राजनीतिक मतलब न निकाले जाएं. हालांकि पीएम नरेंद्र मोदी और एनडीए को लेकर उनकी नरम बयानबाजी अलग ही संदेश दे रही है.
शनिवार को अकाली दल ने तोड़ा था एनडीए से नाता
किसान बिल के मुद्दे पर अकाली दल की तरफ से मंत्री हरसिमरत कौर ने इस्तीफा दिया था और अब शनिवार को अकाली दल ने बीजेपी की पुरानी दोस्ती को खत्म करते हुए एनडीए से बाहर आने का ऐलान कर दिया है.
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर शिनसेना ने छोड़ी थी एनडीए, अब कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन के साथ
शिवसेना ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर बीजेपी का साथ छोड़ दिया था. शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे की राजनीतिक महत्वाकांक्षा के लिए पार्टी ने घोर विरोधी दलों के साथ समझौता कर गठबंधन कर लिया और कांग्रेस-एनसीपी के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बनाई और उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बने. हालांकि विधानसभा चुनाव में बीजेपी-शिवसेना साथ लड़े थे, जिसमें बीजेपी को सर्वाधिक सीटें मिली थी. इस बीच बीजेपी ने भी जोड़तोड़ से सरकार बना ली थी, लेकिन वो सरकार महज कुछ घंटों तक ही टिक पाई थी.
(इनपुट: ANI)