अहमदाबाद: लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल (Sardar Vallabhbhai Patel) की आज (31 अक्टूबर) 145वीं जयंती है, जिसे पूरा देश राष्ट्रीय एकता दिवस (National Unity Day) के रूप में मना रहा है. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) स्टेच्यू ऑफ यूनिटी (The Statue of Unity) पर पूजा की. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

यह है कार्यक्रम
बता दें कि पीएम मोदी दो दिन के गुजरात दौरे पर हैं और आज उनके दौरे का आखिरी दिन है. सुबह 8 बजे पीएम मोदी स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर सरदार पटेल को नमन करेंगे. फिर सुबह 9 बजे राष्ट्रीय एकता दिवस परेड में शामिल होंगे, यहां वे लोगों को संबोधित भी करेंगे. सुबह 11 बजे पीएम मोदी सिविल सर्विस के नए बैच के अधिकारियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करेंगे. सुबह 11:45 पर पीएम केवडिया वॉटर एयरोड्रम का उद्घाटन करेंगे और इसके बाद साबरमती रिवरफ्रंट पर देश की पहली सी प्लेन सर्विस का भी शुभारंभ करेंगे.


महज शादी के लिए धर्म परिवर्तन वैध नहीं: इलाहाबाद हाई कोर्ट


राष्ट्र निर्माण में उल्लेखनीय योगदान
केंद्र सरकार लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती को राष्ट्रीय अखंडता दिवस के रूप में मना रही है. सरदार पटेल देश के पहले उप प्रधानमंत्री और गृहमंत्री थे. आजादी के बाद भारत के एकीकरण में उनका योगदान अतुलनीय है और प्रधानमंत्री मोदी इसी योगदान को सम्मान देने के लिए गुजरात पहुंचे हैं. सरदार पटेल ने 565 रियासतों का विलय कर भारत को एक राष्ट्र बनाया था. गौरतलब है कि गुजरात में सरदार पटेल की याद में 182 फीट ऊंची स्टैच्यू ऑफ यूनिटी बनाई गई है.


पहले दिन कई उद्घाटन किये
अपने दौरे के पहले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केवडिया में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का दौरा किया और सरदार सरोवर डैम के लिये डायनमिक लाइटिंग का उद्घाटन किया. साथ ही यूनिटी ग्लो गार्डन, कैक्टस गार्डन का दौरा भी किया.  PM मोदी ने Statue of Unity वेबसाइट, केवडिया mobile application और केवडिया में सरदार पटेल जूलॉजिकल पार्क में जंगल सफारी की शुरुआत की. मोदी ने जूलॉजिकल पार्क का टूर भी किया.
इसके अलावा, प्रधानमंत्री मोदी ने आरोग्य वन, एकता मॉल और चिल्ड्रन न्यूट्रिशन पार्क का भी उद्घाटन किया. यहां न्यूट्री ट्रेन की सवारी भी की. गुरुवार सुबह गुजरात पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने केशुभाई पटेल और नरेश कनोडिया-महेश कनोडिया को भी श्रद्धांजलि दी.