CBI Chargesheet: इन फाइलों में एक रिलायंस जनरल इंश्योरेंस से जुड़ी थी और दूसरी किरण हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट से. इस बयान के बाद सरकार ने जांच की सिफारिश की और 2022 में मामला CBI को सौंपा गया.
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Satya Pal Malik: इसे संयोग कहें या समय का तकाजा कहें जम्मू कश्मीर के पूर्व उपराज्यपाल सत्यपाल मलिक जिस समय अस्पताल में हैं उसी समय सीबीआई ने उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया है. वे भ्रष्टाचार के आरोपों में सीबीआई की चार्जशीट का सामना कर रहे हैं. सीबीआई ने जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में एक हाइड्रो प्रोजेक्ट के कॉन्ट्रैक्ट में गड़बड़ी को लेकर यह मामला दर्ज किया है. मलिक की शिकायत पर यह जांच शुरू हुई थी और अब वे खुद आरोपी सूची में शामिल हैं. वे इन दिनों दिल्ली के RML अस्पताल में भर्ती हैं. आखिर यह पूरा मामला क्या है.
रिश्वत की पेशकश की गई?
असल में इंडियन एक्स्प्रेस की एक रिपोर्ट में मुताबिक साल 2021 में सत्यपाल मलिक ने दावा किया था कि उन्हें दो फाइलों को मंजूरी देने के लिए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी. इन फाइलों में एक रिलायंस जनरल इंश्योरेंस से जुड़ी थी और दूसरी किरण हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट से. इस बयान के बाद सरकार ने जांच की सिफारिश की और 2022 में मामला CBI को सौंपा गया.
रिपोर्ट के मुताबिक पहला मामला जम्मू कश्मीर सरकार की स्वास्थ्य बीमा योजना से जुड़ा है जिसे रिलायंस जनरल इंश्योरेंस को 2018 में सौंपा गया था. इस योजना पर सवाल तब उठे जब इसे बिना आवश्यक अनुमोदन के लागू किया गया और रिलायंस को 61 करोड़ रुपये अग्रिम दे दिए गए. बाद में योजना को धोखाधड़ी से भरी बताकर रद्द कर दिया गया. सीबीआई ने अपनी एफआईआर में रिलायंस जनरल और ट्रिनिटी रीइंश्योरेन्स को मुख्य आरोपी बनाया है. ईडी ने भी इसी मामले में 36.57 करोड़ की संपत्तियां अटैच की हैं.
ऑक्शन के नियमों का उल्लंघन?
दूसरा मामला किरण हाइड्रो प्रोजेक्ट से जुड़ा है. इसमें 2200 करोड़ रुपये के सिविल वर्क्स कॉन्ट्रैक्ट को गलत तरीके से पटेल इंजीनियरिंग को दिए जाने का आरोप है. सीबीआई के मुताबिक टेंडरिंग की प्रक्रिया में ई टेंडर और रिवर्स ऑक्शन के नियमों का उल्लंघन किया गया. पहले इस टेंडर को रद्द करने का फैसला हुआ था लेकिन बाद में उसे फिर से जारी कर पटेल इंजीनियरिंग को सौंप दिया गया.
सत्यपाल मलिक के अलावा सीबीआई की चार्जशीट में जिन लोगों के नाम हैं उनमें CVPPPL के एमडी एमएस बाबू, निदेशक एमके मित्तल और अरुण कुमार मिश्रा, प्राइवेट सेक्रेटरी वीरेंद्र राणा और कंवर सिंह राणा, पटेल इंजीनियरिंग के एमडी रूपेन पटेल और कन्वलजीत सिंह दुग्गल शामिल हैं. अब देखना होगा कि अदालत में यह मामला किस दिशा में आगे बढ़ता है.