सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक से तमिलनाडु के लिए 15,000 क्यूसेक कावेरी जल छोड़ने को कहा
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सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक से तमिलनाडु के लिए 15,000 क्यूसेक कावेरी जल छोड़ने को कहा

उच्चतम न्यायालय ने आज कर्नाटक सरकार को निर्देश दिया कि तमिलनाडु में किसानों की हालत सुधारने के लिए अगले 10 दिन तक उसे प्रति दिन 15,000 क्यूसेक कावेरी जल छोड़ा जाए।न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति यू यू ललित की पीठ ने तमिलनाडु में सांबा चावल की फसल पर प्रतिकूल असर पड़ने का संज्ञान लेते हुए कर्नाटक सरकार को निर्देश दिया कि तमिलनाडु को पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।

फाइल फोटो

नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने आज कर्नाटक सरकार को निर्देश दिया कि तमिलनाडु में किसानों की हालत सुधारने के लिए अगले 10 दिन तक उसे प्रति दिन 15,000 क्यूसेक कावेरी जल छोड़ा जाए।न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति यू यू ललित की पीठ ने तमिलनाडु में सांबा चावल की फसल पर प्रतिकूल असर पड़ने का संज्ञान लेते हुए कर्नाटक सरकार को निर्देश दिया कि तमिलनाडु को पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।

शीर्ष अदालत ने तमिलनाडु को कावेरी जल विवाद न्यायाधिकरण (सीडब्ल्यूडीटी) के अंतिम आदेश के अनुसार कावेरी जल की आपूर्ति बरकरार रखने के लिए तीन दिन में सुपरवाइजरी कमेटी से संपर्क करने का निर्देश दिया।

उच्चतम न्यायालय ने सुपरवाइजरी कमेटी से भी कहा कि आज से दस दिन के अंदर तमिलनाडु की याचिका पर फैसला किया जाए।

पीठ ने कहा, ‘‘हमारा विचार है कि कर्नाटक को दस दिन के लिए 15,000 क्यूसेक पानी प्रति दिन जारी करने का निर्देश देना उचित होगा।’’ पीठ ने तमिलनाडु को भी अंतरिम व्यवस्था के अनुसार पुडुचेरी को उचित तरीके से पानी की आपूर्ति करने का निर्देश दिया।

अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 16 सितंबर की तारीख मुकर्रर की। उच्चतम न्यायालय ने दो सितंबर को कर्नाटक से भावनात्मक अपील करते हुए कहा था ‘जीयो और जीने दो।’ तब तमिलनाडु ने शीर्ष अदालत के संज्ञान में यह बात लाई थी कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने कहा है कि उसे पानी की एक भी बूंद नहीं दी जाएगी।

तमिलनाडु ने हाल ही में एक याचिका में कर्नाटक को 50.52 टीएमसी फुट कावेरी जल जारी करने का निर्देश देने की मांग की थी ताकि इस मौसम में 40,000 एकड़ में फैली सांबा की फसल को बचाया जा सके।जवाब में कर्नाटक ने कहा था कि उसके चार जलाशयों में करीब 80 टीएमसी फुट पानी की कमी है।

कर्नाटक की ओर से पक्ष रख रहे वरिष्ठ वकील एफ एस नरीमन ने कहा था कि पिछले कुछ महीने बारिश की कमी वाले रहे और तमिलनाडु को पानी देना मुश्किल है।

 

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