पांच जजों की संविधान पीठ मामले की अगली सुनवाई 14 नवंबर को करेगी.
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नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) से अनुच्छेद 370 (Article 370) हटाने के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केंद्र सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए 4 हफ़्ते का और समय दिया है. जस्टिस एन वी रमन्ना की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संविधान पीठ मामले की अगली सुनवाई 14 नवंबर को करेगी.
सोमवार को सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा था कि पाबंदियों के खिलाफ याचिकाओं को मुख्य मामले के साथ जोड़ दिया गया है, जिस पर मंगलवार सुनवाई होगी.इससे पहले चीफ जस्टिस की बेंच ने केंद्र और जम्मू-कश्मीर प्रशासन से दो हफ्ते में कश्मीर के हालात पर जवाब दाखिल करने को कहा था.
कोर्ट ने पूछा था कि हलफनामा दाखिल कर बताएं कि राज्य में कब तक हालात सामान्य हो जाएंगे.कोर्ट ने सरकार से कहा था कि जम्मू-कश्मीर में सामान्य जनजीवन सुनिश्चित करें, लेकिन इस दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा को भी ध्यान में रखा जाए, यह मामला काफी गंभीर है.
इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने एमडीएमके प्रमुख वाइको की याचिका (हैबियस कार्पस) पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर 30 सितंबर तक जवाब मांगा था.वाइको ने याचिका में कहा था कि पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला को 15 सितंबर को चेन्नई में तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री सीएन अन्नादुरई की 111वीं जयंती में शामिल होना था. लेकिन 6 अगस्त के बाद उनसे कोई संपर्क नहीं हो पा रहा है.
जम्मू-कश्मीर में नेताओं की नजरबंदी के खिलाफ दायर 8 याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी.सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद को श्रीनगर, जम्मू, बारामूला और अनंतनाग जाने की इजाजत दी थी. लेकिन इस दौरान वे कोई भाषण नहीं दे सकते और न ही कोई रैली करेंगे.