कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) ने पत्रकार सिद्दीकी कप्पन (Siddique Kappan) को जमानत देने का अनुरोध किया और कहा कि उसके खिलाफ कुछ भी नहीं है. उन्होंने कहा, ‘प्राथमिकी में उसका नाम नहीं है. किसी तरह के अपराध का आरोप नहीं है. वह 5 अक्टूबर से जेल में है.’
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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने हाथरस, जहां एक दलित लड़की से कथित सामूहिक बलात्कार की घटना हुई थी और बाद में उसकी मृत्यु हो गई थी, जा रहे केरल के एक पत्रकार सिद्दीकी कप्पन (Siddique Kappan) की गिरफ्तारी के खिलाफ दायर याचिका पर सोमवार को उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया.
आज सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एस. ए. बोबडे, जस्टिस ए. एस. बोपन्ना और जस्टिस वी. रामासुब्रमणियन की बेंच ने केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्टस की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल से जानना चाहा कि वो इलाहाबाद हाई कोर्ट जाने की बजाये सीधे यहां क्यों आए हैं.
कपिल सिब्बल ने पत्रकार को जमानत देने का अनुरोध किया और कहा कि उसके खिलाफ कुछ भी नहीं है. उन्होंने कहा, ‘प्राथमिकी में उसका नाम नहीं है. किसी तरह के अपराध का आरोप नहीं है. वह 5 अक्टूबर से जेल में है.’ इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘हम नोटिस जारी करेंगे. इस मामले को शुक्रवार के लिए सूचीबद्ध कर रहे हैं.’
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इस मामले में हाई कोर्ट नहीं जाने के बारे में सवाल करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पूछा, ‘हम इस मामले की मेरिट पर नहीं है. आप हाई कोर्ट क्यों नहीं गए?’ इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह इस याचिका पर चार सप्ताह बाद सुनवाई करेगा और इस दौरान पत्रकारों का संगठन राहत के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट जा सकता है.
आपको बता दें कि पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को 5 अक्टूबर को हाथरस जाते वक्त रास्ते में गिरफ्तार किया गया था. वह हाथरस में कथित सामूहिक बलात्कार की शिकार हुई दलित युवती के घर जा रहे थे. इस युवती की बाद में सफदरजंग अस्पताल में मृत्यु हो गई थी.
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