SC का बड़ा फैसला, प्राइवेट अल्‍पसंख्‍यक संस्थानों में भी NEET के जरिए होगा ए​डमिशन
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SC का बड़ा फैसला, प्राइवेट अल्‍पसंख्‍यक संस्थानों में भी NEET के जरिए होगा ए​डमिशन

सुप्रीम कोर्ट (supreme court) ने आज नीट (NEET) परीक्षा को लेकर अपना अंतिम फैसला सुनाया है.

SC का बड़ा फैसला, प्राइवेट अल्‍पसंख्‍यक संस्थानों में भी NEET के जरिए होगा ए​डमिशन

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (supreme court) ने आज नीट (NEET) परीक्षा को लेकर अपना अंतिम फैसला सुनाया है. अब नीट परीक्षा सभी संस्थानों के लिए लागू होगी, इसमें गैर सहायता प्राप्त प्राइवेट अल्‍पसंख्‍यक संस्थान भी शामिल होंगे. 

संस्थाओं ने दावा किया था कि यह अल्पसंख्यक के रूप में उनके संवैधानिक अधिकार का उल्लंघन करता है. राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) एमबीबीएस, एमडी, बीडीएस और एमडीएस पाठ्यक्रमों में छात्रों के प्रवेश के लिए निजी अल्पसंख्यक व्यावसायिक कॉलेजों पर लागू होगी.

कोर्ट का मानना ​​है कि मेडिकल / डेंटल कोर्स में प्रवेश के लिए एकल प्रवेश परीक्षा NEET, अल्पसंख्यकों के अपने संस्थानों को चलाने और शिक्षा प्रदान करने के अधिकार का उल्लंघन नहीं करती है.

इससे पहले इन संस्थानों ने कहा था कि नीट के तहत आना उनके उन संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है, जो उन्हें एक अल्पसंख्यक सेट-अप के तौर पर मिले हुए हैं. 

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब नीट यानी National Eligibility-cum-Entrance Test (NEET) सभी गैर सहायता प्राप्त प्राइवेट माइनॉरिटी प्रोफेशनल कॉलेजों में भी लागू होगा. अब इन कॉलेजों के एमबीबीएस, एमडी, बीडीएस और एमडीएस कोर्सेज में दाखिले के लिए नीट परीक्षा देना जरूरी है. 

बता दें कि नीट को शिक्षा के स्टैंडर्ड मानकों को सुनिश्चित करने के लिए लाया गया था.

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले  में कहा है कि नीट से अल्पसंख्यक संस्थानों के अधिकारों का उल्लंघन नहीं होता. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संस्थानों द्वारा अपनी अपनी परीक्षा अलग से लिए जाने से एक राष्ट्रीय स्तर पर प्रभाव पड़ता है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस तरह से स्वच्छता खत्म हो रही थी और मेरिट को दरकिनार किया जा रहा था.

ऐसे में सरकार को पूरा अधिकार है कि वह ऐसा रेग्युलेशन बनाए और यह रेग्युलेशन सहायता प्राप्त और गैर सहायता प्राप्त प्राइवेट और अल्पसंख्यक संस्थानों पर लागू किया जा सके. सरकार को ऐसा करने का पूरा अधिकार है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अनुच्छेद-29 (1) और 30 यानी धार्मिक और भाषा आदि के अक्षुण्णता और उसके विकास के लिए काम करने के अधिकार का भी नीट उल्लंघन नहीं करता है. अदालत ने कहा कि यह तमाम अधिकार संवैधानिक प्रावधान से ऊपर नहीं है.

कोर्ट ने कहा कि मेडिकल और डेंटल कोर्सेज में एडमिशन के लिए सिंगल एंट्रेस एग्जाम नीट को लागू किए जाने से इन संस्थानों के अधिकारों का उल्लंघन नहीं होता. 

नीट को परीक्षा एंट्रेंस एग्जाम में कदाचार का रोकने के लिए लाया गया था और इससे जुड़े नियम अल्पसंख्यक संस्थानों की व्यवस्था में कहीं से भी दखल नहीं दे रहे हैं. 

नीट एग्जाम लागू करने के फैसले को चुनौती देते हुए एक याचिका ​दी गई थी, जिसे लेकर कोर्ट ने फैसला सुनाया है. अब इस फैसले के बाद नीट परीक्षा सभी शिक्षण संस्थानों के लिए लागू होगी, जिसमें अल्‍पसंख्‍यक संस्थान भी शामिल होंगे.

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