जज साहब! तलाकशुदा-विधवा सभी के लिए करवाचौथ अनिवार्य कर दीजिए; अदालत ने बेतुका याचिका पर लगाया जुर्माना
Advertisement
trendingNow12764306

जज साहब! तलाकशुदा-विधवा सभी के लिए करवाचौथ अनिवार्य कर दीजिए; अदालत ने बेतुका याचिका पर लगाया जुर्माना

SC rejected petition For Karva Chauth: सुप्रीम कोर्ट में एक अजीबोगरीब याचिका दायर हुई, जिसमें मांग की गई कि देश की सभी महिलाओं के लिए करवाचौथ का व्रत अनिवार्य कर दिया जाए. याचिका में मांग की गई थी कि चाहे महिला विधवा हो, तलाकशुदा हो या किसी पुरुष के साथ रिलेशनशिप में हो, उसे करवाचौथ का व्रत करना ही पड़े. सुप्रीम कोर्ट ने इस मांग को बेतुका बताते हुए याचिका खारिज कर दी और याचिकाकर्ता को जमकर फटकार भी लगाई. जानें पूरी खबर.

जज साहब! तलाकशुदा-विधवा सभी के लिए करवाचौथ अनिवार्य कर दीजिए; अदालत ने बेतुका याचिका पर लगाया जुर्माना

SC rejected petition Karva Chauth compulsory: सुप्रीम कोर्ट में एक अजीबोगरीब याचिका दायर हुई, जिसमें मांग की गई कि देश की सभी महिलाओं के लिए करवाचौथ का व्रत अनिवार्य कर दिया जाए. पंचकूला के नरेंद्र कुमार मल्होत्रा ने ये याचिका दाखिल की थी. उनकी मांग थी कि चाहे महिला विधवा हो, तलाकशुदा हो या किसी पुरुष के साथ रिलेशनशिप में हो, उसे करवाचौथ का व्रत करना ही पड़े. इतना ही नहीं, उन्होंने कहा कि सरकार इसके लिए सख्त नियम बनाए और जो इस व्रत को न माने, उसे सजा दी जाए. सुप्रीम कोर्ट ने इस मांग को बेतुका बताते हुए याचिका खारिज कर दी और याचिकाकर्ता को जमकर फटकार भी लगाई.

सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर सवाल उठाते हुए याचिकाकर्ता को जमकर फटकार लगाई. कोर्ट ने इस याचिका को बेतुका करार देते हुए खारिज कर दिया.

हाईकोर्ट भी खारिज कर चुका याचिका
पंचकूला निवासी नरेंद्र कुमार मल्होत्रा ने दरअसल पहले इसी मांग के साथ पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट का रुख किया था. हाईकोर्ट ने जनवरी में इस याचिका को खारिज कर दिया था. यही नहीं, हाई कोर्ट ने अदालत का कीमती समय बर्बाद करने के लिए याचिकाकर्ता पर एक ह का जुर्माना भी लगाया था. इसी आदेश को नरेंद्र कुमार मल्होत्रा ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी

SC ने फटकार लगाई
आज यह मामला जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने लगा. याचिकाकर्ता कीओर से पेश वकील ने दलील दी कि सरकार कुछ नहीं कर रही है. जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिका के औचित्य पर सवाल खड़ा करते हुए इसे बेतुका करार दिया. कोर्ट ने कहा कि ऐसी याचिका दाखिल करने के पीछे मकसद दूसरे लोगों का है, जो सामने नहीं आना चाहते. याचिकाकर्ता का तर्क है कि कई महिलाओं को करवा चौथ मानने के अधिकार से वंचित कर दिया गया है लेकिन उसने कहीं भी इसको स्पष्ट नहीं किया कि क़ानून में ऐसे प्रतिबंध कहाँ लगाए गए है.

फिर से ऐसी अर्जी दाखिल करें तो कार्रवाई हो
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाई कोर्ट भी इस याचिका को निर्रथक बताते हुए खारिज कर चुका है. हमे इस आदेश में दखल देने का कोई औचित्य समझ नहीं आता. अगर याचिकाकर्ता फिर से इस तरह की याचिका दाखिल करता है तो हाई कोर्ट सबक सिखाने के लिए उसके खिलाफ उचित कार्रवाई कर सकता है.

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news

;