महाराष्ट्र में 18 साल से कम उम्र के लोग नहीं ले सकते दही हांडी में हिस्सा: सुप्रीम कोर्ट
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महाराष्ट्र में 18 साल से कम उम्र के लोग नहीं ले सकते दही हांडी में हिस्सा: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने आज कहा है महाराष्ट्र में जन्माष्टमी के अवसर पर दही हांडी की प्रथा में 18 साल से कम उम्र के युवा हिस्सा नहीं ले सकते। इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने यह भी कहा है कि दही हांडी के लिए बनाए जाने वाले पिरामिड की उंचाई 20 फुट से ज्यादा की नहीं होनी चाहिए। यह सीमा बंबई उच्च न्यायालय ने तय की थी।

     महाराष्ट्र में 18 साल से कम उम्र के लोग नहीं ले सकते दही हांडी में हिस्सा: सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने आज कहा है महाराष्ट्र में जन्माष्टमी के अवसर पर दही हांडी की प्रथा में 18 साल से कम उम्र के युवा हिस्सा नहीं ले सकते। इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने यह भी कहा है कि दही हांडी के लिए बनाए जाने वाले पिरामिड की उंचाई 20 फुट से ज्यादा की नहीं होनी चाहिए। यह सीमा बंबई उच्च न्यायालय ने तय की थी।

न्यायमूर्ति ए आर दवे और न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की पीठ ने एक याचिका पर नए सिरे से गौर करते हुए इस साल अक्तूबर में सुनवाई का निर्णय किया। हालांकि पीठ ने दही हांडी समारोह के नियमन के लिए उच्च न्यायालय की ओर से जारी दो अन्य निर्देशों के पालन को निलंबित कर दिया। शीर्ष न्यायालय की ओर से निलंबित किए गए उच्च न्यायालय के निर्देश 18 साल से कम उम्र के बच्चों को खतरनाक प्रस्तुतियों में शामिल होने से रोकने के लिए कानून में संशोधन से जुड़ा है।

न्यायालय ने उस निर्देश को भी निलंबित कर दिया, जिसमें ‘गोविंदाओं’ के जन्म प्रमाण पत्र पर अंकित जन्मतिथि को जांचने वाले अधिकारियों से 15 दिन पहले मंजूरी लेने की बात कही गई है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी कम उम्र का बच्चा इसमें हिस्सा नहीं ले रहा। सुनवाई के दौरान पीठ प्रतिभागियों की न्यूनतम उम्र और पिरामिड की अधिकतम उंचाई के मुद्दे पर सहमत हो गई।

 

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