सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत राय से कहा, '15 जुलाई तक जमा कराएं 552.21 करोड़'
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सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत राय से कहा, '15 जुलाई तक जमा कराएं 552.21 करोड़'

 सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी दी कि उसके 552.21 करोड रूपए के चेक का पैसा 15 जुलाई तक प्राप्त हो जाना चाहिए. (file)

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इस बात का संज्ञान लिया कि सहारा चीफ सुब्रत राय ने सेबी-सहारा के खाते में 710.22 करोड रूपए जमा कराये हैं, परंतु उसने साथ ही यह चेतावनी दी कि उसके 552.21 करोड रूपए के चेक का पैसा 15 जुलाई तक प्राप्त हो जाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने इस चेक के भुनाने की अवधि 15 जुलाई से आगे बढाने का सुब्रत राय का अनुरोध ठुकरा दिया. 

कोर्ट ने 709.82 करोड रूपए का भुगतान चार जुलाई तक करने का समय दिया था

राय ने इससे पहले न्यायालय से कहा था कि वह 15 जून से पहले 1500 करोड़ रुपए का भुगतान कर देंगे और 552.22 करोड रुपए का भुगतान इसके ठीक एक महीने बाद करेंगे. हालांकि उन्होंने 15 जून तक 790.18 करोड रुपए का भुगतान किया था और जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने उन्हें 709.82 करोड रूपए का भुगतान चार जुलाई तक करने का समय दिया था. 

कोर्ट की चेतावनी अगर चेक की राशि का भुगतान नहीं हुआ तो उचित कार्रवाई की जाएगी

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इस तथ्य को नोट किया कि सहारा ने 1500.40 करोड रूपए जमा करा दिए हैं और अब 24000 करोड रूपए के मूलधन में से उसे 9000 करोड रूपए का भुगतान और करना है. न्यायालय ने यह भी साफ कर दिया कि वह 552.21 करोड रुपए जमा कराने की समय सीमा 15 जुलाई से आगे नहीं बढ़ाएगा. साथ ही उसने चेतावनी भी दी कि यदि चेक की राशि का भुगतान नहीं हुआ तो उचित कार्रवाई की जाएगी. न्यायालय ने सहारा की एम्बी वैली में संपत्तियों की नीलामी के लिए बंबई हाई कोर्ट के आधिकारिक परिसमापक विनोद शर्मा द्वारा तैयार किया गया मसौदा और इसके लिए शर्तो को भी स्वीकार कर लिया.

कोर्ट ने 709.82 करोड रुपए जमा कराने की अवधि चार जुलाई तक बढ़ा दी थी

इससे पहले, न्यायालय ने 15 जून तक भुगतान की जाने वाली 1500 करोड की राशि में से 709.82 करोड रुपए जमा कराने की अवधि चार जुलाई तक बढ़ा दी थी.इससे पहले, न्यायालय ने धन जमा नहीं कराए जाने पर नाराजगी व्यक्त की थी और सहारा समूह की एम्बी वैली में 34000 करोड रूपए की संपत्तियों को बेचने का फैसला किया था.

6 मई से पैरोल पर हैं सुब्रत राय

सुब्रत राय करीब दो साल जेल में बिता चुके हैं और पिछले साल छह मई से वह पैरोल पर हैं. उन्हें अपनी मां के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए पहली बार पेरोल दी गयी थी. इसके बाद से इसकी अवधि बढ़ाई जाती रही है.राय के साथ ही सहारा समूह के दो निदेशक रवि शंकर दुबे और अशोक राय चौधरी को भी निवेशकों का 24000 करोड रूपए लौटाने संबंधी न्यायालय के 31 अगस्त 2012 के आदेश का पालन नहीं करने के कारण तिहाड जेल भेज दिया गया था. 

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