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नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता और तीन अन्य को बरी करने के कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ दायर अपील पर रोजाना सुनवाई के लिये आज सहमत हो गया।
न्यायमूर्ति पी सी घोष और न्यायमूर्ति आर के अग्रवाल की पीठ ने संबंधित पक्षों से कहा कि वे उन मुद्दों की सूची दें जिनपर उनके अनुसार आठ जनवरी को निर्णय की आवश्यकता है। इस पीठ ने जुलाई में अपील विचारार्थ स्वीकार करते हुये उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगाने के मुद्दे पर गौर नहीं किया था। पीठ ने कहा, ‘ आप दोनों (पक्ष) परस्पर सहमति से उन बिन्दुओं को हमें दें जिन पर हमे निर्णय करना होगा ताकि इस पर शीघ्र सुनवाई करके यथाशीघ्र इसका निबटारा कर सकें।’ पीठ ने कहा कि इन अपील पर रोजाना सुनवाई की जायेगी।
पीठ ने कहा कि प्रारंभिक मुद्दे, जिनका फैसला करना है, उन्हें दिये जायें। इससे पहले, 27 जुलाई को शीर्ष अदालत ने उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक के लिये कर्नाटक सरकार की अपील पर जयललिता, उनकी निकट सहयोगी शशिकला और उसके दो अन्य रिश्तेदार वीएन सुधाकरण और इलावरसी को नोटिस जारी कर उन्हें आठ सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था। इस बीच, पीठ ने भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी से कहा कि वह भी उन मुद्दों को दायर करें जिन पर वह जोर देना चाहते हैं। न्यायालय ने इस मामले में स्वामी को हस्तक्षेप की अनुमति दी थी।
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने 11 मई को अपने फैसले में कहा था कि अन्नाद्रमुक सुप्रीमो को दोषी ठहराने के विशेष अदालत के निर्णय में अनेक खामियां थीं और वह कानून के समक्ष टिकने वाला नहीं है। इस तरह न्यायालय ने जयललिता के फिर से तमिलनाडु का मुख्यमंत्री बनने का मार्ग प्रशस्त कर दिया था।