समंदर से नजरें गड़ाए दुश्मनों से निपटने के लिए भारतीय नौसेना के बेड़े में जल्द ही एक और स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बी को शामिल करने की तैयारी है. इस पनडुब्बी का नाम है 'करंज'.
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मुंबई: समंदर से नजरें गड़ाए दुश्मनों से निपटने के लिए भारतीय नौसेना के बेड़े में जल्द ही एक और स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बी को शामिल करने की तैयारी है. इस पनडुब्बी का नाम है 'करंज'. न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक स्कॉर्पीन क्लास की इस पनडुब्बी को 31 जनवरी को मुंबई के मझगांव डॉकयार्ड पर लांच किया जाएगा. इस मौके पर नेवी प्रमुख सुनील लांबा मझगांव डॉकयार्ड पर मौजूद रहेंगे. इस पनडुब्बी को मझागांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड ने तैयार किया है. कई चरणों की समुद्री परीक्षण के बाद इसे भारतीय नौसेना बेड़े में शामिल किया जाएगा. नेवी के मुताबिक यह पनडुब्बी 'मेक इन इंडिया' की पहचान है, क्योंकि यह स्वदेशी समरीन है.
स्कॉर्पीन पनडुब्बी 'करंज' की खूबी
स्कॉर्पीन पनडुब्बी 'करंज' आधुनिक फीचर्स से लैस है. यह दुश्मन की नजरों से बचकर सटीक निशाना लगा सकती है. इसके साथ ही टॉरपीडो और एंटी शिप मिसाइलों से हमले भी कर सकती है. इससे पानी के अंदर भी हमला किया जा सकता है. साथ ही सतह पर पानी के अंदर से दुश्मन पर हमला करने की खासियत भी इसमें है. इस पनडुब्बी को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि इसे किसी भी तरह की जंग में ऑपरेट किया जा सकता है. यह पनडुब्बी हर तरह के वॉरफेयर, एंटी-सबमरीन वॉरफेयर और इंटेलिजेंस को इकट्ठा करने जैसे कामों को भी बखूबी अंजाम दे सकती है.
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एक महीने पहले ही पीएम नौसेना को सौंपी थी INS कलवरी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुंबई में पिछले साल 14 दिसंबर को भारतीय नौसेना को देश की स्कॉर्पीन श्रेणी की पहली स्वदेशी पनडुब्बी आईएनएस कलवरी समर्पित की थी. प्रधानमंत्री ने इसे भारत की रक्षा और सुरक्षा को बढ़ावा देने वाला एक महत्वपूर्ण नया युग कहा था. इस नई फॉक्सटॉट श्रेणी की पनडुब्बी का नाम- 'आईएनएस कलवरी' रखा गया है. आईएनएस आठ दिसंबर, 1967 को नौसेना में शामिल हुई थी. नौसेना की पनडुब्बी शाखा की स्वर्ण जयंती के कुछ समय बाद ही यह नई पनडुब्बी बेड़े में शामिल हुई है.
यह भारतीय नौसेना में शामिल होने वाली पहली पारंपरिक पनडुब्बी है. कलवरी का अर्थ टाइगर शार्क होता है. मझगांव डॉकयार्ड लिमिटेड ने अपनी परियोजना 75 के तहत अत्याधुनिक विशेषताओं वाली इस पनडुब्बी का निर्माण किया है. फ्रांस की डीसीएनएस ने इसमें तकनीकी सहयोग किया है.
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The third Scorpene class submarine KARANJ to be launched at Mazagon Dock on 31 Jan 2018. Navy Chief Sunil Lanba will be present pic.twitter.com/7fZR7J2LRm
— ANI (@ANI) January 29, 2018
इस पनडुब्बी की लंबाई 67.5 मीटर और ऊंचाई 12.3 मीटर है. इस परियोजना की छह पनडुब्बियों की सीरीज की दूसरी आईएनएस खांदेरी पहले ही नेवी के बेड़े में शामिल किया जा चुका है. इन सभी पनडुब्बियों को 2020 तक धीरे-धीरे भारतीय नौसेना में शामिल किया जाएगा.
मालूम हो कि भारतीय नेवी की मजबूती कि लिए भारत छह पनडुब्बी बना रहा है. ये सभी स्कॉर्पीन क्लास की पनडुब्बी हैं. पिछले साल दिसंबर में पीएम मोदी ने कहा था कि इन पनडुब्बियों का भारतीय नौसेना में शामिल होना जरूरी है. ये समुद्र में युद्ध के क्षेत्र में बेहद अहम साबित होंगे. उन्होंने जहाज निर्माता एमडीएल से अपील की थी कि वे नेवी की मजबूती के लिए और अत्याधुनिक पनडुब्बी तैयार करें, सरकार उनके साथ है. भारतीय नौसेना में करंज के शामिल होने के बाद पनडुब्बी खान्देरी को भी जल्द ही नेवी को सौंपे जाने की तैयारी है.