बीजद के विरोध के बीच, लोकसभा में दिवाला और संशोधन अक्षमता संहिता दूसरा संशोधन पेश
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बीजद के विरोध के बीच, लोकसभा में दिवाला और संशोधन अक्षमता संहिता दूसरा संशोधन पेश

सदन में आज वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने दिवाला और संशोधन अक्षमता संहिता दूसरा संशोधन विधेयक 2018 पेश किया . 

फाइल फोटो

नई दिल्ली : लोकसभा में बीजद सदस्य भतृहरि महताब ने दिवाला और संशोधन अक्षमता संहिता दूसरा संशोधन विधेयक पेश किये जाने का विरोध करते हुए सरकार पर आरोप लगाया कि एक उद्योग को फायदा पहुंचाने के लिये यह विधेयक लाया गया है. सरकार ने हालांकि इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है. सदन में आज वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने दिवाला और संशोधन अक्षमता संहिता दूसरा संशोधन विधेयक 2018 पेश किया . इसे दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता संशोधन अध्यादेश 2018 के स्थान पर लाया गया है जिसे राष्ट्रपति ने 6 जून 2018 को प्रख्यापित किया था.

गोयल ने एक उद्योग को फायदा पहुंचाने के लिये यह विधेयक लाने के माहताब के आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि सदस्य ने जिन उद्योगों के डूबत रिण का जिक्र किया है, वे कांग्रेस के शासनकाल के हैं . उन्होंने कहा कि जब बैंकिंग और दिवाला संहिता पेश किया गया था तब बैंकिंग क्षेत्र काफी संकट के दौर से गुजर रहा था . मई 2014 में हमारे सत्ता में आने से पहले अंधाधुंध बैंकिंग रिण दिये गये .

गोयल ने कहा कि बैंकों पर दबाव पड़ने का कारण 2008 से 2014 तक बैंक द्वारा रिण दिया जाना था जो डूबत रिण या बैड लोन हो गया . वित्त मंत्री ने बताया कि सदस्य ने जिन बातों का जिक्र किया है वे हमारी सरकार के पहले की हैं .

उन्होंने आरोप लगाया कि पुरानी सरकार :संप्रग: के समय डूबत रिण की वसूली के बारे में जो कानून थे, वे काफी कमजोर थे . इसके तहत बड़े लोगों से ऐसे डूबत रिण की वसूली नहीं हुई और केवल छोटे लोगों को नोटिस दिया जाता था . किसी भी बड़े आदमी की सम्पत्ति जब्त नहीं हुई. तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की . गोयल ने कहा कि दिवाला कानून में संशोधन की बात आने पर कुछ विषय उठाये गए थे जिसमें कंपनी के बंद होने, रोजगार चले जाने जैसे विषय शामिल हैं . इन विषयों पर समिति ने विचार किया था .

वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘ इस बारे में आरोप बेबुनियाद हैं . कोई भी कानून किसी की सहूलियत के लिये नहीं लाया जा रहा है. ’’ इससे पहले विधेयक का विरोध करते हुए बीजद के भतृहरि महताब ने कहा कि भूषण स्टील की बिक्री हुई और इस दौरान उसके 35 प्रतिशत रिण को खाते से हटा :रिटेन आफ: दिया गया . इसी प्रकार का एक और उदाहरण आलोक इंडस्ट्रीज का है जहां 29.6 करोड़ रूपये की कंपनी को 5 करोड़ रूपये में बेचा गया .

उन्होंने आरोप लगाया कि एक उद्योग को फायदा पहुंचाने के लिये यह विधेयक लाया गया है. सरकार को सांठगांठ के पूंजीवाद का समर्थन नहीं करना चाहिए और इस विधेयक को वापस लेना चाहिए . कांग्रेस के सदस्यों ने भी बीजद सदस्य का समर्थन किया . दिवाला और संशोधन अक्षमता संहिता दूसरा संशोधन विधेयक 2018 के उद्देश्यों एवं कारणों के अनुसार, विधेयक की धारा 5 के खंड 8 के अधीन एक स्पष्टीकरण को अंत:स्थापित करने के संबंध में भूसंपदा परियोजना के अधीन किसी आवंटी से प्राप्त की गई किसी रकम को ऐसी रकम के रूप में माना जायेगा जिसका उधार के रूप में वाणिज्यिक प्रभाव है.

इसमें कहा गया है कि नियमित रिण से यह अपेक्षा करने के लिये धारा 10 की उपधारा 3 को प्रतिस्थापित करने के संबंध में निगम दिवाला समाधान प्रक्रिया प्रारंभ करने संबंधी आवेदन के साथ यथास्थिति निगमित रिण के शेयरधारकों द्वारा पारित एक विशेष संकल्प या निगमित रिणी के भागीदारों की कुल संख्या से कम से कम तीन चौथाई भागीदारों द्वारा पारित संकल्प प्रस्तुत करें .

नई धारा 12क को अंत:स्थापित करने से लेनदारों की समिति के 90 प्रतिशत मतदान शेयर के अनुमोदन के साथ आवेदक द्वारा किये गए किसी आवेदन पर न्यायनिर्णायक प्राधिकारी द्वारा दिवाला समाधान प्रक्रिया आरंभ करने के लिये स्वीकार किया जाएगा.

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