कोरोना वायरस की दूसरी लहर (Corona Second Wave) में युवाओं के मौत की खबर हर किसी को डरा रही है. रिपोर्ट के मुताबिक इस बार युवाओं के मरने की दर पिछले साल के मुकाबले दोगुनी हो गई है.
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कोरोना वायरस की दूसरी लहर (Corona Second Wave) में युवाओं के मौत की खबर हर किसी को डरा रही है. अपने आसपास हम ऐसे लोगों को जाते हुए देख रहे हैं जो फिट नजर आते हैं और जिनकी उम्र भी 20 से 50 वर्ष के बीच में ही है. इसी बीच दिल्ली के मैक्स अस्पताल (Max Hospital) में हुए एक सर्वे (New Corona Survey) में पता चला है कि भले ही कोरोना वायरस (Coronavirus) के मामलों में कमी आई हो लेकिन खतरा अभी टला नहीं है. यह खतरा सबसे ज्यादा युवाओं पर ही मंडरा रहा है.
सर्वे के दौरान अस्पताल ने पिछले साल से लेकर अब तक भर्ती हुए 45 साल से कम उम्र के मरीजों का डेटा इकट्ठा किया. डेटा से पता चला कि कि पिछले वर्ष कोरोना वायरस से जान गंवाने वालों की संख्या केवल 2% थी जबकि इस बार केवल 5 महीने में ही इससे दोगुने लोगों को जान जा चुकी है. यह सर्वे दिल्ली एनसीआर में मौजूद मैक्स के सभी 7 अस्पतालों में किया गया.
सर्वे में पता चला कि पिछले वर्ष भर्ती हुए कुल कोरोना (Coronavirus) मरीजों में 27% ऐसे थे, जिनकी उम्र 45 साल से कम थी. इस वर्ष भर्ती हुए कुल मामलों में भी 27% मामले की युवाओं के मिले हैं. हालांकि इस साल कोरोना वायरस की वजह से जान गंवाने वाले लोगों की संख्या दोगुनी हो गई है.
मैक्स अस्पताल (Max Hospital) के ग्रुप डायरेक्टर डॉ संदीप बुद्धिराजा कहते हैं कि पिछले वर्ष मैक्स के अलग अलग अस्पतालों में 45 वर्ष से कम उम्र के 3929 मरीज भर्ती हुए थे. जबकि इस वर्ष केवल 5 महीने में ही 1579 मरीज भर्ती हो चुके हैं. इनमें युवा मरीजों के मामले भी बड़ी संख्या में आ रहे हैं.
विशेषज्ञों का मानना है कि युवाओं में अभी वैक्सीनेशन बहुत कम हुआ है. इसकी वजह से वे ज्यादा संक्रमित हो रहे हैं. दूसरी बात ये है कि म्यूटेंट वायरस युवाओं के लिए ज्यादा खतरनाक साबित हो रहा है. काम-धंधों की वजह से युवाओं का बड़ी तादाद में घर से बाहर निकलना इसकी बड़ी वजह माना जा रहा है. हालांकि आंकड़ों का आकलन करने वाले यह उम्मीद कर रहे हैं कि आने वाले हफ्तों में देश में हो रही मौतों की संख्या में भी कमी आएगी.
जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में Centre of Social Medicine and Community Health के प्रोफेसर डॉ राजीब दासगुप्ता कहते हैं कि कोरोना वायरस (Coronavirus) की तीसरी लहर में बच्चों के भी चपेट में आने की आशंका है. हालांकि फिलहाल डॉक्टर युवा आबादी को कोरोना वायरस की चंगुल से छुड़ाने की चुनौती से जूझ रहे हैं.
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डॉक्टर सावधान कर रहे हैं कि युवाओं को ज्यादा सचेत रहने की जरूरत है. अगर किसी युवा को कोरोना वायरस (Coronavirus) का अटैक होता है तो उसके फेफड़ों तक संक्रमण पहुंचने में बाकी लोगों के मुकाबले इस बार बहुत कम वक्त लग रहा है.
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