Train Ramban To Reasi: जम्मू-कश्मीर में चिनाब नदी पर बने दुनिया के सबसे ऊंचे रेल ब्रिज से पहली बार ट्रेन को चलाया गया. आठ कोच की ये मेमू ट्रेन संगलदान रेलवे स्टेशन से रियासी के बीच 46 किलोमीटर लंबे रूट पर 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ी. इसका ट्रायल सफल रहा. अब जल्द ही इस ब्रिज से CRS इंस्पेक्शन के बाद पैसेंजर ट्रेनों को चलाना शुरू कर दिया जाएगा. 


सुरक्षा के हैं पुख्ता इंतजाम


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असल में यह पूरी रेलवे परियोजना इंजीनियरिंग के चमत्कारों से भरी हुई है, क्योंकि कटरा और बनिहाल के बीच 111 किलोमीटर का अधिकांश भाग सुरंगों और पुलों से होकर गुजरता है. इसमें भारत का पहला केबल-स्टेड रेल पुल भी है. ऐसे में इसकी सुरक्षा को लेकर भी बड़े सवाल हैं. जिस तरह पिछले कुछ समय से जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमले बढ़े हैं, उसे देखते हुए इस ब्रिज की सुरक्षा करना भी बड़ी चुनौती होगी.


खुफिया एजेंसियों की नजर


- दुनिया के इस सबसे ऊंचे आइकॉनिक ब्रिज पर किसी भी संभावित आतंकी हमले को रोकने के लिए खुफिया एजेंसियां नज़रें बनाई हुई हैं. 
- इस ब्रिज के बनने के साथ ही 24 घंटे और सातों दिन सिक्योरिटी सुनिश्चित कर दी गई है.
- कोई भी बाहरी शख्स इस ब्रिज को पार करना तो दूर इसके करीब तक भी नहीं जा सकता.
- चिनाब ब्रिज की सुरक्षा में RPF, GRP, CRPF के अलावा जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवानों की तैनाती की गई है. 


इसके अलावा स्थानीय लोगों की भी मदद ली जा रही है, ताकि ब्रिज के आसपास अगर कोई संदिग्ध शख्स रह रहा है या फिर आता-जाता है तो इसकी सूचना समय रहते ही स्थानीय पुलिस को या फिर सुरक्षा बलों तक पहुंच सके. पिछले साल ही पूरे जम्मू-कश्मीर में रेल लाइन, ट्रेनें और रेल यात्रियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए रिव्यू किया गया था. यही नहीं जम्मू-कश्मीर में बने रेल रूट्स, टनल्स और पुलों की सुरक्षा के लिए अलग से कुछ पोस्ट्स भी क्रिएट की गई हैं.