केंद्र सरकार ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को क्रियान्वित करने के लिये संशोधित वेतनमान को अधिसूचित कर दिया है। इससे केंद्र सरकार के कर्मचारियों के मूल वेतन में 2.57 गुना वृद्धि होगी। एक जनवरी 2016 से केंद्र सरकार में न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये मासिक होगा और उच्चतम स्तर पर यह 2.5 लाख रुपये होगा।
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नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को क्रियान्वित करने के लिये संशोधित वेतनमान को अधिसूचित कर दिया है। इससे केंद्र सरकार के कर्मचारियों के मूल वेतन में 2.57 गुना वृद्धि होगी। एक जनवरी 2016 से केंद्र सरकार में न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये मासिक होगा और उच्चतम स्तर पर यह 2.5 लाख रुपये होगा। इससे केंद्र सरकार के लाखों कर्मचारियों को अगस्त से ही बढ़ा हुआ वेतन मिलने की उम्मीद बढ़ गई है। गौर हो कि कैबिनेट ने 29 जून को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को मंजूरी दी थी। करीब 47 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और करीब 52 लाख पेंशनधारियों को इससे लाभ होगा।
अधिसूचना के अनुसार नये वेतन मैट्रिक्स के तहत एक जनवरी 2016 को कर्मचारियों का नया वेतन मौजूदा वेतन (मूल वेतन और ग्रेड पे का योग) के 2.57 गुने के बराबर होगा। इसके साथ साल में वेतन वृद्धि (इन्क्रीमेंट) के लिये दो तारीखें एक जनवरी तथा एक जुलाई होगी। फिलहाल इसके लिये केवल एक जुलाई की तारीख थी। कर्मचारियों की नियुक्ति, पदोन्नति या वित्तीय उन्नयन अनुदान के आधार पर इन दोनों तारीखों में से किसी एक तारीख को वेतन में सालाना वृद्धि होगी। मंत्रिमंडल ने पिछले महीने केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन में वृद्धि की मंजूरी दे दी थी। इससे सरकारी खजाने पर सालाना 1.02 लाख करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा।
Gazette Notification has been made with regard to 7th Pay Commission Recommendations by the Ministry of Finance.
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) July 26, 2016
यह निर्णय उन लाखों कर्मचारियों के लिए राहत की खबर बनकर आया है जो लोग यह उम्मीद लगाये बैठे थे कि अगस्त के वेतन में उन्हें सातवें आयोग का लाभ मिलेगा। इस अधिसूचना के जारी होने के बाद से केंद्र सरकार के कर्मचारियों को अगस्त माह से रिवाइज्ड (संशोधित) सैलरी मिलेगी। 25 जुलाई को जारी हुए इस नोटिस के बाद अगस्त में सभी कर्मचारियों को बढ़ी हुई सैलरी मिलेगी। रिपोर्ट के मुताबिक जून तक का 6 महीने का एरियर्स सरकार मार्च 2017 से पहले ही देगी। सातवें वेतन आयोग के लागू होने के बाद से केंद्र सरकार के 33 लाख कर्मचारी, 14 लाख सशस्त्र बलों के कर्मी और 52 लाख पेंशनरों को लाभ मिलेगा।
गौर हो कि कैबिनेट ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को जून में मंजूरी दे दी थी। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसका ऐलान करते हुए वित्तमंत्री अरुण जेटली ने बताया था कि सातवें वेतन आयोग लागू होने के बाद मिनिमम सैलरी 7000 से बढ़कर 18000 हो जाएगी। उन्होंने कहा था कि सभी कर्मियों की सैलरी में बढ़ोत्तरी के लिए 2.57 फिटमेंट फैक्टर लागू होगा। वहीं एनुअल इन्क्रिमेंट रेट 3 पर्सेंट ही रहा। सभी क्लास के इम्प्लॉइज की बेसिक सैलरी 2.57 गुना बढ़ेगी। सरकार ने एलान किया कि सीबीएसई चीफ राजेश कुमार चतुर्वेदी को सातवें वेतन आयोग के इम्प्लीमेंटेशन सेल का भी इन्चार्ज बनाया गया है।
जानकारी के अनुसार, यह बढ़ा वेतनमान 1 जनवरी 2016 से लागू होगा। अब करीब 15-25 दिनों में सभी विभाग अपने अपने कर्मचारियों के वेतनमान तय कर लेंगे और कहा जा रहा है कि जुलाई में मिलने वाले वेतन में पूरा एरियर और बढ़ा वेतन दे दिया जाएगा। वेतन आयोग ने पिछले साल नवंबर में कनिष्ठ स्तर पर मूल वेतन में 14.27 प्रतिशत की बढ़ोतरी की सिफारिश की थी जो पिछले 70 साल का न्यूनतम स्तर है। इससे पहले छठे वेतन आयोग ने 20 प्रतिशत बढ़ोतरी का सिफारिश की थी जिसे सरकार ने 2008 में लागू करते समय दोगुना कर दिया था।
सिफारिशें लागू हो जाने के बाद केंद्रीय कर्मियों का न्यूनतम वेतन 7000 से बढ़कर 18000 रुपए हो जाएगी। हायर पे बैंड में यह वेतन फिलहाल 90 हजार रुपए है जो बढ़कर 2,50,000 रुपए हो जाएगी। यानी बेसिक पे में कम से कम 3 गुना टोटल (कुल) सैलेरी में 23.5 परसेंट और पेंशन में 24 फीसदी का इजाफा हो जाएगा। वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने से सरकारी आकलन के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2016-17 में करीब 1 लाख 2 हजार 100 करोड़ रुपए का बोझ बढ़ेगा। वेतन मद में खर्च में 39 हजार 100 करोड़ का इजाफा होगा जबकि भत्तों के मद में 29 हजार 300 करोड़ रुपए की वृद्धि होगी। पेंशन मद में 33 हजार 700 करोड़ रुपए खर्च बढ़ेगा।
(एजेंसी इनपुट के साथ)