केंद्रीय कर्मियों के लिए खुशखबरी! 7वें वेतन आयोग ने केंद्र को सौंपी रिपोर्ट, वेतन में करीब 24% बढ़ोतरी की सिफारिश
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केंद्रीय कर्मियों के लिए खुशखबरी! 7वें वेतन आयोग ने केंद्र को सौंपी रिपोर्ट, वेतन में करीब 24% बढ़ोतरी की सिफारिश

सरकारी कर्मचारियों को एक बड़ी सौगात के तहत वेतन आयोग ने उनके वेतन एवं भत्तों में वृद्धि को लेकर केंद्र सरकार को रिपोर्ट गुरुवार को सौंप दी। केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए बड़ा तोहफा पेश करते हुए सातवें वेतन आयोग ने वेतन, भत्ते व पेंशन में 23.55 प्रतिशत की वृद्धि और सैनिकों की तर्ज पर असैन्य कर्मचारियों के लिए भी ‘समान रैंक, समान पेंशन’ की व्यवस्था लागू करने की शुक्रवार को सिफारिश की।

केंद्रीय कर्मियों के लिए खुशखबरी! 7वें वेतन आयोग ने केंद्र को सौंपी रिपोर्ट, वेतन में करीब 24% बढ़ोतरी की सिफारिश

नई दिल्‍ली : सरकारी कर्मचारियों को एक बड़ी सौगात के तहत वेतन आयोग ने उनके वेतन एवं भत्तों में वृद्धि को लेकर केंद्र सरकार को रिपोर्ट गुरुवार को सौंप दी। केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए बड़ा तोहफा पेश करते हुए सातवें वेतन आयोग ने वेतन, भत्ते व पेंशन में 23.55 प्रतिशत की वृद्धि और सैनिकों की तर्ज पर असैन्य कर्मचारियों के लिए भी ‘समान रैंक, समान पेंशन’ की व्यवस्था लागू करने की शुक्रवार को सिफारिश की।

आयोग की सिफारिशें जस की तस लागू करने पर सरकारी खजाने पर 1.02 लाख करोड़ रुपये का सालाना बोझ आएगा, जिसमें 28,450 करोड़ रुपये से अधिक का बोझ रेलवे बजट और बाकी 73,650 करोड़ रुपये आम बजट पर जाएगा। न्यायमूर्ति एके माथुर की अध्यक्षता वाले आयोग की ओर से आज यहां वित्त मंत्री अरुणण्‍ जेटली को सौंपी गई इन सिफारिशों के तहत केन्द्रीय नौकरियों में न्यूनतम मासिक वेतन 18,000 रुपये और अधिकतम 2.5 लाख रुपये प्रतिमाह हो जाएगा। ये सिफारिशें एक जनवरी, 2016 से लागू की जाएंगी और इनसे 47 लाख केन्द्रीय कर्मचारी और 52 लाख पेंशनभोगी लाभान्वित होंगे। इनमें सैन्य बलों के कर्मचारी भी शामिल हैं।

जेटली ने कहा कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों का फायदा स्वायत्तशासी निकायों, विश्वविद्यालयों और सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को भी होगा। सिफारिशों में कहा गया है कि प्रतिशत के रूप में, वेतन, भत्तों एवं पेंशन में कुल मिलाकर सामान्य परिस्थितियों में 23.55 प्रतिशत की वृद्धि होगी। इसमें वेतन में 16 प्रतिशत, भत्तों में 63 प्रतिशत और पेंशन में वृद्धि 24 प्रतिशत होगी। रेलवे कर्मियों सहित केन्द्रीय कर्मचारियों पर सरकार का कुल वेतन व पेंशन खर्च 2016-17 में 4.33 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 5.35 लाख करोड़ रुपये पहुंचने का अनुमान है। इन सिफारिशों के लागू होने से वेतन, भत्ते व पेंशन पर सरकार का खर्च सकल घरेलू उत्पाद के 0.65 प्रतिशत के बराबर बढ़ेगा, जबकि छठे वेतन आयोग की सिफारिशों में यह वृद्धि जीडीपी के 0.7 से एक प्रतिशत थी।

आयोग ने ‘पे बैंड’ और ‘ग्रेड पे’ की प्रणाली खत्म करने की सिफारिश की है और वेतन में सालाना 3 प्रतिशत की वृद्धि की व्यवस्था को बरकरार रखा है। साथ ही इसने सभी कर्मचारियों के लिए 2.57 के फिटमेंट-फैक्टर लागू करने की सिफारिश की है। आयोग ने अगले साल एक जनवरी से पहले सेवानिवृत्त होने वाले सरकारी सेवाओं के कर्मचारियों के लिए ‘समान रैंक, समान पेंशन’ का नाम लिए बगैर इसी तरह का पेंशन का एक संशोधित फार्मूला पेश किया है। आयोग के चेयरमैन और एक अन्य सदस्य डाक्टर रतिन राय ने सभी केन्द्रीय सशस्त्र बलों में सेवानिवृत्ति की उम्र 58 साल से बढ़ाकर 60 साल करने की सिफारिश की है पर एक अन्य सदस्य विवेक रे इससे सहमत नहीं थे। उन्होंने इस संबंध में गृह मंत्रालय के दृष्टिकोण का समर्थन किया है। इस फार्मूले से पहले और वर्तमान में समान रैंक और समान अवधि की सेवा के बाद सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों के पेंशन में समानता आएगी।

एक महत्वपूर्ण सिफारिश में आयोग ने ग्रैच्युटी निर्धारण में अधिकतम वेतन की सीमा 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दी है और जब कभी महंगाई भत्ता 50 प्रतिशत तक बढ़ेगा, तो वेतन की अधिकतम सीमा में 25 प्रतिशत की वृद्धि की जाएगी। नए वेतन ढांचे में सातवे वेतन आयोग ने छठे वेतन आयोग द्वारा शुरू की गई ‘पे ग्रेड’ व्यवस्था खत्म कर इसे वेतन के मैट्रिक्स :ढांचे: में शामिल कर दिया है और कर्मचारी का ओहदा अब ग्रेड पे की जगह नए ढांचे के वेतन से तय होगा। आयोग ने कर्मचारियों व पेंशनभोगियों के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना की सिफारिश की है। इस बीच, सीजीएचएस का फायदा नहीं पा रहे पेंशनभोगियों के लाभ के लिए सीजीएचएस को उन अस्पतालों को अपने पैनल में शामिल करना चाहिए जो इन पेंशनभोगियों की नकदीरहित चिकित्सा जरूरतें पूरी करने के लिए सीएस एमए ईसीएचएस के तहत पैनल में हैं। आयोग ने सिफारिश की है कि डाक विभाग के सभी पेंशनभोगियों को सीजीएचएस के दायरे में लाया जाए तथा सभी डाक डिस्पेंसरीज को सीजीएचएस में समाहित कर दिया जाए।

केन्द्रीय कर्मियों की सामूहिक बीमा योजना के तहत अंशदान की दर एवं बीमा का कवरेज उपयुक्त तरीके से बढ़ाया गया है। इसके तहत उच्चतम वेतन स्तर पर मासिक कटौती 120 रुपये प्रति माह से बढ़ाकर 5,000 रुपये और बीमा कवरेज 1.2 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये की गई है। वेतन ढांचे में सबसे निचले स्तर पर यह कटौती 30 रुपये से बढ़ाकर 1500 रुपये और बीमा कवरेज 30,000 रुपये से बढ़ाकर 15 लाख रुपये की गई है।

आयोग की सिफारिशों के अनुसार अब कर्मचारियों को बिना ब्याज वाले अग्रिम की कोई सुविधा नहीं मिलेगी तथा मकान खरीदने के लिए ब्याज वाले अग्रिम की सीमा 7.5 लाख रपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दी गई है। संशोधित सुनिश्चित करियर प्रगति (एमएसीपी) के तहत आयोग ने प्रस्ताव किया है कि जो कर्मचारी एमएसीपी या प्रथम 20 साल की सेवा के बाद नियमित प्रोन्नति के मानकों को पूरा नहीं करेंगे, उन्हें वार्षिक वेतन वृद्धि नहीं मिलेगी। आयोग ने कार्य प्रदर्शन पर आधारित वेतन (पीआरपी) की भी सिफारिश की है जो सभी दर्ज के कर्मचारियों के लिए होगी। इसके लिए, कुछ दिशानिर्देश लागू होंगे। आयोग ने मौजूदा बोनस योजना को पीआरपी में समाहित करने को कहा है।

आयोग ने विभिन्न परिस्थितियों में कर्मचारी की मृत्यु पर परिवार के निकटतम व्यक्ति के लिए एकमुश्त मुआवजा की दरों में भी संशोधन का सुझाव दिया है जो रक्षा बलों के कर्मचारियों और असैन्य कर्मचारियों व केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों कर्मचारियों के लिए समान रूप से लागू होगी। नई पेंशन योजना से जुड़ी शिकायतों को देखते हुए आयोग ने योजना की कार्यप्रणाली में सुधार करने और शिकायत निवारण व्यवस्था करने की सिफारिश की है। आयोग ने नियामक निकायों के प्रमुखों व सदस्यों के लिए क्रमश: 4.50 लाख रुपये और 4 लाख रुपये का मासिक वेतन पैकेज दिए जाने की सिफारिश की है।

सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों के मामले में आयोग ने कहा कि उनकी पेंशन को, उनके समेकित वेतन से नहीं काटा जाना चाहिए। समेकित वेतन पैकेज 25 प्रतिशत और महंगाई भत्ता 50 प्रतिशत तक बढ़ाया जाना चाहिए।

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सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी, 2016 से लागू होंगी। चेयरमैन के अलावा आयोग के अन्य सदस्यों में 1978 बैच के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी विवेक राय, अर्थशास्त्री रथिन राय शामिल हैं। मीना अग्रवाल आयोग की सचिव हैं। केंद्र सरकार प्रत्येक दस साल बाद अपने कर्मचारियों के वेतनमान में संशोधन के लिए वेतन आयोग का गठन करती हैं। आमतौर पर राज्यों द्वारा भी कुछ संशोधनों के साथ इन्‍हें अपनाया जाता है। छठा वेतन आयोग 1 जनवरी, 2006 से लागू हुआ था। (एजेंसी इनपुट के साथ)

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