दिल्ली हिंसा: शबाना अब बेटे के जन्म की खुशी मनाएं या घर उजड़ने का गम
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दिल्ली हिंसा: शबाना अब बेटे के जन्म की खुशी मनाएं या घर उजड़ने का गम

दिल्ली हिंसा में जब दंगाई शबाना के घर में आग लगाने लगे तो शबाना घर छोड़कर अपनी जान बचाकर भागी.

दंगाइयों ने शबाना का घर जला दिया.

नई दिल्ली: दिल्ली (Delhi) की हिंसा में अब तक 42 लोगों की मौत हो चुकी है और 200 से ज्यादा घायल लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है. दंगाइयों ने कुछ नहीं छोड़ा, उनके सामने जो कुछ पड़ा उन्होंने हर चीज में आग लगा. चाहे वो घर हो या दुकान. लोगों के पास अब तो न रहने का ठिकाना बचा है और न ही रोटी कमाने का जरिया. दंगों की इस आग में कुछ ऐसी कहानियां ऐसी भी हैं जो सोचने पर मजबूर कर देती हैं. एक ऐसी ही कहानी दिल्ली के शिवपुरी की रहने वाली 'शबाना' की है.

दरअसल दिल्ली दंगों के समय शबाना गर्भवती थीं. दिल्ली हिंसा में जब दंगाई शबाना के घर में आग लगाने लगे तो शबाना घर छोड़कर अपनी जान बचाकर भागी. गर्भवती होने की वजह से दौड़ने पर शबाना के पेट में दर्द होने लगा. फिर बड़ी मुश्किल से जैसे-तैसे शबाना मुस्तफाबाद पहुंचीं. जहां कुछ लोगों ने दर्द से पीड़ित शबाना को अस्पताल में भर्ती करवाया. अस्पताल में शबाना ने एक बेटे को जन्म दिया. अब मां शबाना और उनका नवजात बच्चा ठीक है. लेकिन शबाना की समझ में ये नहीं आ रहा है कि वो अपने बेटे के जन्म की खुशी मनाएं या फिर अपना घर जल जाने गम.

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