DNA: 'आतंकिस्तान' के अंत की शुरुआत हो चुकी है... ऐसा अंजाम नियाजी ने भी सोचा न होगा!
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DNA: 'आतंकिस्तान' के अंत की शुरुआत हो चुकी है... ऐसा अंजाम नियाजी ने भी सोचा न होगा!

Pahalgam Terror Attack: पहलगाम में पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवादी हमले का जवाब वहीं की रहने वाली मुस्लिम महिला ने दिया है. कश्मीर की ये महिला नये कश्मीर का प्रतिनिधित्व करती हैं और नया कश्मीर पाकिस्तान को करारा जवाब देने के लिए तैयार है. आपको कश्मीर से आई इस खबर के विश्लेषण की ये रिपोर्ट ध्यान से पढ़नी चाहिए.

DNA: 'आतंकिस्तान' के अंत की शुरुआत हो चुकी है... ऐसा अंजाम नियाजी ने भी सोचा न होगा!

Pahalgam Terror attack: यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत। अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्॥ कुरुक्षेत्र में भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन से कहा था - 'हे पार्थ जब-जब धर्म की हानि होती है और अधर्म बढ़ जाता है, तब-तब मैं स्वयं को साकार रूप से प्रकट करता हूं.' गीता के श्लोक का शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर से आई कुछ तस्वीरों से विशेष रिश्ता है. इसलिए आपको ये विश्वेषण बहुत ध्यान से पढ़ना चाहिए. क्योंकि कश्मीर भी इन दिनों कुरुक्षेत्र बना हुआ है और इस कुरुक्षेत्र में भारत के सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी पहुंच चुके हैं. थल सेना प्रमुख ने 15 कोर कमांडर से तैयारियों का जायजा लिया. क्या मायने हैं इसके यहां समझिए.

पाकिस्तान के अंत की शुरुआत हो गई?

जहां सेना प्रमुख ने जायजा लिया तस्वीर में महाभारत की एक तस्वीर लगी थी. जिसमें सारथी श्री कृष्ण और अर्जुन दिख रहे हैं और अंग्रेजी में एक संदेश भी लिखा था. इस तस्वीर और संदेश के मायने गहरे हैं. क्या ये मान लिया जाए कि इस तस्वीर के जरिये ये इशारा कर दिया गया है कि अब महाभारत होने वाली है. क्या ये मान लिया जाए कि अब अधर्म का सर्वनाश करने का समय आ गया है. क्या ये मान लिया जाए कि कल्पना से ज्यादा बड़ा बदला लेने का वक्त बेहद करीब आ गया है.

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अब आपको इस तस्वीर के नीचे अंग्रेजी में लिखे संदेश का मतलब बताते हैं. ये रामचरितमानस के लंका कांड की चौपाई है।

सौरज धीरज तेहि रथ चाका। सत्य सील दृढ़ ध्वजा पताका॥ 

जब रावण के क्रोध को देखकर विभीषण परेशान हो गए थे. उन्होंने श्रीराम से कहा था कि आपके पास कोई रथ क्यों नहीं है. तब श्रीराम ने उत्तर दिया था कि शौर्य और धैर्य..रथ के दो पहिए हैं. सत्य और शील..इसकी शक्तिशाली ध्वजा और पताका हैं. ऐसा धर्ममय रथ जिसके पास हो उसका शत्रु क्या बिगाड़ सकता है.

होगा ऐसा हाल जो नियाजी ने भी न सोचा होगा...

ठीक इसी तरह भारतीय सेना के पास भी शौर्य है, धैर्य है, सत्य है, बल है और विवेक है. ये तस्वीर पाकिस्तान के लिए एक बड़ा संदेश है. संदेश ये कि- हिंद की सेना आज श्रीराम के उसी रथ पर सवार है जिसका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता है. और शत्रुओं का नाश करने के लिए वो श्रीकृष्ण के उपदेश के साथ आगे बढ़ रही है.

आर्मी चीफ का जम्मू-कश्मीर का दौरा काफी अहम रहा है. उन्होंने पहले श्रीनगर में सुरक्षा व्यवस्था का समीक्षा की. इसके बाद जम्मू कश्मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा से मुलाकात की. फिर वो उधमपुर पहुंचे. जहां नॉर्दर्न कमांड के हेडक्वार्टर्स में ब्रीफिंग ली. आर्मी चीफ ने LoC से सटे पुंछ-राजौरी सेक्टर और पीर पंजाल पहाड़ियों में सेना की तैनाती की जानकारी ली.

एडवाइजरी के दो पहलू

जम्मू-कश्मीर से शुक्रवार की एक और बड़ी खबर ये है कि वहां के लोगों के लिए एडवाइजरी जारी की गई है. जिसमें कहा गया है कि कुपवाड़ा और आसपास के इलाकों में न जाएं. करनाह, केरन और माछिल सेक्टर्स को इस वक्त काफी क्रिटिकल माना जा रहा है. लेकिन जिस तरह एक सिक्के के दो पहलू होते हैं. इस एडवाइजरी के भी दो पहलू हैं.

पहला- पाकिस्तान इन इलाकों में लगातार सीजफायर का उल्लंघन कर रहा है. यानी बिना किसी उकसावे के गोला बारूद बरसा रहा है. जिससे हिंदुस्तान के नागरिकों की जान को खतरा है.

लेकिन इस एडवाइजरी का दूसरा पहलू ये है कि पीओके से सटे इन इलाकों में इस वक्त सबसे ज्यादा टेंशन है. वही इलाके हैं जहां भारत सरकार ने सीजफायर के हालात में आम लोगों के बचाव के लिए बंकर बनाए थे. यही बंकर सेना के काम भी आ सकते हैं. जानकारी के मुताबिक LoC से सटे गांवों में करीब 8000 से ज्यादा बंकर तैयार हैं.

अगर हिंदुस्तान और पाकिस्तान का इतिहास देखें तो. आज तक भारत ने युद्ध की शुरुआत नहीं की है. किसी भी युद्ध में पहला हमला हिंदुस्तान ने नहीं किया है. लेकिन इतिहास गवाह है कि पाकिस्तान के खिलाफ अब तक हुए चारों युद्ध का अंत भारत ने ही किया है और वो भी सफलतापूर्वक. इस बार अगर जंग छिड़ी तो ज्यादा उम्मीद है कि सबसे पहले पाकिस्तान पीओके खो बैठेगा. पीओके में भारतीय सेना की एंट्री के कुल चार रास्ते हैं.

पहला-  कुपवाड़ा-तंगधार-नीलम वैली
जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा से तंगधार महज 68 किमी की दूरी पर है.. सेना सबसे पहले इस शहर पर कब्जा करेगी..
दूसरा रूट है उरी से होते हुए मुजफ्फराबाद.
58 किमी की इस दूरी को तय करने में सेना को कितना ही वक्त लगेगा.
तीसरा है पुंछ से महज 32 किमी दूर रावलकोट.
चौथा- नौशेरा से महज 46 किमी दूर PoK का मीरपुर.
अगर हमला होता है तो भारत के टारगेट पर पीओके के यही चार मुख्य शहर होंगे.

तंगधार.. मुज्जफराबाद.. रावलकोट.. और मीरपुर.. ये चारों शहर हिंदुस्तान की आर्टिलरी और रॉकेट्स की रेंज में है. अगर इन चारों शहर पर भारतीय सेना ने तिरंगा लहरा दिया तो पीओके की घरवापसी हो जाएगी.

पाकिस्तान ने खोले PoK लेने के लिए दरवाजे

पाकिस्तान ने खुद ही हिंदुस्तान के लिए पीओके के दरवाजे खोले हैं. जी हां अब आपको ये विस्तार से समझा देते हैं. इधर भारत पहलगाम हमले के बाद सिंधु जल संधि को निरस्त किया. उधर पाकिस्तान ने आनन फानन में शिमला समझौते के निलंबन का ऐलान कर दिया ऐसा कर के पाकिस्तान ने अपने पांव पर ही कुल्हाड़ी मारी है.

 PoK वापस लेने का वक्त आ गया है...

शिमला समझौते के तहत ही दोनों देशों ने LoC को मानने के पैक्ट पर साइन किया था. लेकिन अब इसके निलंबित होते ही भारत LoC को मानने के लिए बाध्य नहीं है. 

यानी पाकिस्तान ने खुद भारत को PoK लेने का आमंत्रण दिया है. इस आमंत्रण का जवाब भी भारत की तरफ से आ गया है. भारत ने एक तस्वीर के जरिए पाकिस्तान को संदेश भेजा है.

ये वही टेबल है. जिसपर इंदिरा गांधी और जुल्फिकार अली भुट्टो ने शिमला समझौते पर हस्ताक्षर किया था. ये टेबल हिमाचल प्रदेश के राजभवन में आज भी रखी हुई है. इस टेबल पर सांकेतिक तौर पर दोनों देशों के झंडे लगे हुए थे. लेकिन शिमला समझाते पर पाकिस्तान के ऐलान के बाद हिंदुस्तान ने इस टेबल से पाकिस्तान का झंडा उतार दिया है. क्या पाकिस्तान का झंडा हटाना इस बात का संकेत है कि हिंदुस्तान अब LoC का सम्मान नहीं करेगा. क्या सेना PoK की तरफ बढ़ने वाली है.

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