मुंबई: एनसीपी (NCP) अध्यक्ष शरद पवार (Sharad Pawar) खुल कर केंद्र के नए कृषि कानूनों (New Farm Law) के विरोध कर रहे किसानों के समर्थन में आ गए हैं. मुंबई के आजाद मैदान में नासिक से पैदल चलकर पहुंचे किसानों की रैली में उन्होंने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा. शरद पवार के निशाने पर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Bhagat Singh Koshyari) भी रहे. 


केंद्र पर निशाना


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आजादपुर रैली (Azadpur Rally) में केंद्र पर निशाना साधते हुए शरद पवार (Sharad Pawar) ने कहा, 'संविधान की अवहेलना कर और बहुमत के बल पर कोई कानून पारित करा तो सकता है लेकिन जब आम आदमी और किसान उठेंगे तो नए कानून  (New Farm Law) और सत्तारूढ़ दल के खत्म होने तक वे चुप नहीं रहेंगे.' पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने सर्दी के मौसम में पिछले दो महीने से केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं के पास आंदोलन कर रहे किसानों की हालत की सुध नहीं ली.


'राज्यपाल ने अपने कर्तव्य का पालन नहीं किया' 


रैली को संबोधित करते हुए शरद पवार (Sharad Pawar) ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Bhagat Singh Koshyari) पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा, जब राज्य के किसान राज्यपाल को कृषि कानूनों के खिलाफ एक ज्ञापन सौंपना चाहते थे तो ऐन मौके पर गोवा चले गए. पवार ने कहा, 'कोश्यारी के पास पिछले साल अदाकारा कंगना रनौत (Kangana Ranaut) से मिलने का समय था लेकिन राज्य के किसानों से मिलने के लिए उनके पास समय नहीं है.' बता दें, बीएमसी (BMC) द्वारा कंगना के कार्यालय परिसर का एक हिस्सा ढहाए जाने के बाद अदाकारा ने राज्यपाल से मुलाकात की थी. पवार ने हमला तेज करते हुए कहा, ‘हमने महाराष्ट्र के इतिहास में ऐसा राज्यपाल नहीं देखा. लाखों लोग यहां आए हैं. वे राज्यपाल को ज्ञापन सौंपना चाहते थे. लेकिन राज्यपाल को गोवा जाना था.’ उन्होंने कहा कि राज्यपाल की यह नैतिक जिम्मेदारी है कि वह किसानों से मुलाकात करते लेकिन उन्होंने अपने कर्तव्य का पालन नहीं किया.


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'क्या पंजाब का मतलब पाकिस्तान है?'


पवार ने सवाल किया, ‘यह कहा गया कि किसान पंजाब के हैं. क्या पंजाब का मतलब पाकिस्तान है? एनसीपी प्रमुख ने आरोप लगाया कि कृषि कानून विस्तृत चर्चा के बिना संसद में पारित किए गए जबकि विपक्षी दलों ने संबंधित विधेयकों पर विस्तृत विचार-विमर्श का अनुरोध किया था. उन्होंने कहा कि विधेयकों पर प्रवर समिति में चर्चा हो सकती थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ. 


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