Delhi Riots: शरजील इमाम की जमानत अर्जी खारिज, कोर्ट ने माना दंगे पूर्वनियोजित थे
Advertisement
trendingNow11149779

Delhi Riots: शरजील इमाम की जमानत अर्जी खारिज, कोर्ट ने माना दंगे पूर्वनियोजित थे

दिल्ली दंगों (Delhi Riots) के मामले में शरजील इमाम की जमानत अर्जी को खारिज करते हुए कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि दिल्ली में 23 विभिन्न जगहों पर चक्का जाम/विरोध प्रदर्शन की योजना पहले से ही बनाई गई थी. 

Delhi Riots: शरजील इमाम की जमानत अर्जी खारिज, कोर्ट ने माना दंगे पूर्वनियोजित थे

नई दिल्ली: दिल्ली दंगों के मामले में UAPA के तहत आरोप झेल रहे जेएनयू (JNU) के छात्र शरजील इमाम की जमानत अर्जी कड़कड़डूमा कोर्ट ने खारिज कर दी है. एडिशनल सेशन जज अमिताभ रावत (Amitabh Rawat) ने कहा कि दिल्ली दंगों को जिस तरह से अंजाम दिया गया, उससे साफ है कि इसके पीछे एक सोची समझी साजिश थी. इस मामले में चार्जशीट और बाकी सबूतों को देखने के बाद कोर्ट का मानना है कि शरजील इमाम पर लगे आरोप पहली नजर में सही है. लिहाजा जमानत अर्जी खारिज (Bail Application Rejected) की जाती है.

  1. दिल्ली दंगों का मामला
  2. शरजील इमाम की जमानत अर्जी खारिज
  3. कोर्ट ने आदेश में कही ये बात

शरजील इमाम के वकील की दलील

शरजील इमाम (Sharjeel Imam) की तरफ से वकील तनवीर अहमद मीर (Tanveer Ahmed Mir) ने दलील पेश की. उन्होंने कहा कि दिल्ली में दंगे 24 और 25 फरवरी को हुए लेकिन उससे पहले ही शरजील को गिरफ्तार किया जा चुका था. लिहाजा उस पर दंगों की साजिश का आरोप नहीं लगाया जा सकता. वैसे भी पुलिस के पास ऐसा कोई पुख्ता सबूत नहीं है जिसके जरिए दंगों की साजिश में उसकी भूमिका साबित हो सके.

ये भी पढें: राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालनी चाहिए : भूपेश बघेल

सरकारी पक्ष की दलील

स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर अमित प्रसाद (Amit Prasad) ने दलील दी कि दंगों से पहले शरजील इमाम की गिरफ्तारी साजिश के आरोप में नहीं बल्कि उसके देश विरोधी भाषणों के चलते हुई थी. अमित प्रसाद ने क्रिकेट का उदाहरण देते हुए कहा कि अगर एक क्रिकेट टीम खेलती है तो हर खिलाड़ी की एक अहमियत होती है. उसका कोई एक खिलाड़ी अगर आउट हो जाता है तो इसका मतलब ये नहीं होता कि उसका जीत का मकसद नहीं है. दंगों से पहले  शरजील की गिरफ्तारी का मतलब ये नहीं कि वो दंगों की साजिश में शामिल नहीं रहा होगा.

कोर्ट ने माना दंगे पूर्वनियोजित थे

अमित प्रसाद ने ये भी दलील दी कि अगर साजिश का पहले ही पता चल जाता और जांच एजेंसियां दंगा रोकने में कामयाब भी हो जातीं, तब भी ये साजिश ही होती. शरजील इमाम की जमानत अर्जी खारिज करते हुए कोर्ट (Karkardooma Court) ने  अपने आदेश में कहा कि चार्जशीट के मुताबिक ये साफ है कि दिल्ली में 23 विभिन्न जगहों पर चक्का जाम/विरोध प्रदर्शन की योजना पहले से ही बनाई थी. 

ये भी पढें: 26 साल से मौत का झांसा देने वाला शातिर नक्सली दिल्ली में हुआ गिरफ्तार

सोची समझी साजिश के तहत हुए दंगे

कोर्ट ने कहा कि नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में रहने वाले लोगों की जरूरी सेवाओं को जानबूझकर बाधित किया गया, जिनसे उन्हें दिक्कत हो. ऐसी जगहों पर लोगों के आवागमन को बाधित किया गया, जहां दोनों समुदाय के लोग रहते हैं, ताकि टकराव के चलते दंगे जैसा माहौल बन सके. प्रदर्शन में महिलाओं को आगे रखकर उनके जरिए पुलिस (Police) पर हमला किया गया. जिस तरह के हथियार इस्तेमाल हुए, हमले का जो तरीका था और जो नुकसान हुआ, उससे साफ है कि ये दंगे सोची समझी साजिश के तहत अंजाम दिए गए थे. ऐसे काम जिनसे देश की एकता, अखण्डता को नुकसान पहुंचे, संप्रदायिक सौहार्द बिगड़े, आतंकवाद (Terrorism) की श्रेणी में ही आते हैं.

(इनपुट - अरविंद सिंह)

LIVE TV

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news