DNA: अवाम को झूठ परोसने में शहबाज नंबर 1, दशकों बाद क्यों याद आ रहा ऑपरेशन द्वारका?
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DNA: अवाम को झूठ परोसने में शहबाज नंबर 1, दशकों बाद क्यों याद आ रहा ऑपरेशन द्वारका?

Operation Dwarka: शहबाज शरीफ ने 19 मई को कराची में पाकिस्तानी नौसेना के डॉकयार्ड का दौरा किया. यहां शहबाज ने सैनिकों को संबोधित करते हुए पाकिस्तानी नौसेना की तारीफ की. इस दौरान उन्हें भारतीय नौसेना के युद्धपोत विक्रांत का डर सताने लगा और विक्रांत को लेकर शहबाज ने ऐसी बात की, जिसे जानकर आपको भी हैरानी होगी. 

DNA: अवाम को झूठ परोसने में शहबाज नंबर 1, दशकों बाद क्यों याद आ रहा ऑपरेशन द्वारका?

India-Pakistan Navy: फ्रांस के मशहूर सेनापति नेपोलियन बोनापार्ट ने कहा था - Never interrupt your enemy when he is making a mistake यानी जब आपका दुश्मन कोई गलती कर रहा हो तो उसे कभी मत टोको. पहली गलती तो ये है कि जनरल मुनीर को फील्ड मार्शल बनाया गया और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की दूसरी गलती का विश्लेषण अब हम करने वाले हैं. शहबाज ने कल एक ऐसा बयान दिया है जिससे क्लियर है कि भारतीय नौसेना की शक्ति को लेकर उन्हें कंफ्यूजन है.

शहबाज शरीफ ने 19 मई को कराची में पाकिस्तानी नौसेना के डॉकयार्ड का दौरा किया. यहां शहबाज ने सैनिकों को संबोधित करते हुए पाकिस्तानी नौसेना की तारीफ की. इस दौरान उन्हें भारतीय नौसेना के युद्धपोत विक्रांत का डर सताने लगा और विक्रांत को लेकर शहबाज ने ऐसी बात की, जिसे जानकर आपको भी हैरानी होगी. 

साफ-साफ झूठ बोल गए शहबाज

कुछ दिनों पहले ही भारतीय सेना ने पाकिस्तान को घर में घुसकर पीटा है. इसलिये शहबाज अपनी नौसेना का मनोबल बढ़ाने के लिये ऐसी बयानबाजी कर रहे हैं और इसी कोशिश में वो कराची पहुंचे. वहां उन्होंने दावा किया कि भारत का युद्धपोत विक्रांत पाकिस्तान से 400 नॉटिकल मील यानी करीब 740 किलोमीटर दूर रहा.

तो सबसे पहले ये समझ लीजिए कि हमला करने के लिये INS विक्रांत को पाकिस्तान के करीब जाने की जरूरत बिल्कुल भी नहीं है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान समंदर में नेवी का Carrier Battle Group मौजूद था.

विक्रांत का नहीं कोई जवाब

ऐसे एक ग्रुप में विक्रांत जैसा एक एयरक्राफ्ट करियर और उसके साथ करीब 7 युद्धपोत और कम से कम एक पनडुब्बी मौजूद होती है. और विक्रांत की सुरक्षा करने वाले युद्धपोतों पर 800 किलोमीटर की दूरी तक हमला करने वाली ब्रह्मोस मिसाइलें तैनात होती हैं.

कराची से मुंबई की हवाई दूरी करीब 880 किलोमीटर है. यानी मुंबई के करीब समंदर में मौजूद भारतीय नौसेना के युद्धपोत आसानी से कराची को बर्बाद कर सकते हैं. इसके लिये पाकिस्तान की सीमा के पास भी जाने की जरूरत नहीं है.

विक्रांत जैसा एयरक्राफ्ट कैरियर नहीं खरीद सकता पाक

शहबाज शरीफ ने विक्रांत का नाम लिया. हालांकि विक्रांत जैसा एक भी युद्धपोत पाकिस्तान के पास नहीं है. सीधे-सीधे कहें तो पाकिस्तान की इतनी हैसियत नहीं है कि वो विक्रांत जैसा युद्धपोत बना सके या किसी देश से खरीदने की सोचे. जबकि भारतीय नौसेना के पास ऐसे दो युद्धपोत हैं. पहले युद्धपोत का नाम है INS विक्रमादित्य और दूसरा INS विक्रांत.

अब भारतीय नौसेना का पराक्रम समझिये. ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च होने से पहले ही भारतीय नौसेना ने पाकिस्तान पर हमले की तैयारी कर ली थी. कराची बंदरगाह सहित अरब सागर में किसी भी टारगेट पर हमले के लिये भारतीय नौसेना चौबीसों घंटे रेडी थी. इंडियन नेवी की इस आक्रामक तैनाती को देखकर पाकिस्तानी नौसेना अपने कराची बंदरगाह में ही छिपकर रही. और अरब सागर में बाहर निकलने की हिम्मत भी जुटा नहीं पाई.

कराची का भी होता बुरा हाल

यानी अगर सीजफायर ना होता तो कराची का भी वही हाल होता जो पाकिस्तान के बाकी मिलिट्री अड्डों का हुआ है. पर इस सच्चाई को जानने के बावजूद शहबाज शरीफ ने पाकिस्तानी नौसेना की पीठ ठोंकी. हैरानी की बात है कि पाकिस्तानी Airbases का हश्र देखने के बाद पाकिस्तानी नौसेना ने हमला तो दूर भारतीय नौसेना को चुनौती देने की कोशिश तक नहीं की. इसके बावजूद शहबाज शरीफ ने कराची में आकर अपनी नौसेना की जीत पर बयान दिये और द्वारका पर भी बयानबाजी की. 

शहबाज शरीफ ने अटक-अटक कर अपने सैनिकों के सामने एक झूठ का पुलिंदा पढ़ा, जिसमें पाकिस्तान की नौसेना के बारे में काल्पनिक दावों को सुनकर पाकिस्तानी नौसैनिक भी जरूर मन ही मन हंस रहे होंगे.अब वर्ष 1965 के युद्ध का द्वारका से जुड़ा सच जानिए.

अवाम को पाक ने परोस रखा है झूठ

साल 1965 में 7 और 8 सितंबर की रात को पाकिस्तान ने गुजरात के द्वारका में बमबारी की कोशिश की और इसे कोडनेम दिया गया ऑपरेशन सोमनाथ. पाकिस्तानी युद्धपोतों ने द्वारका में करीब 20 मिनट तक बमबारी करके इंडियन नेवी के बेस और रडार स्टेशन को टारगेट किया. हालांकि इस पाकिस्तानी हमले से द्वारका में कोई नुकसान नहीं हो पाया पर पाकिस्तान आज भी झूठा दावा करता है कि उसने भारत के नेवल बेस को उड़ा दिया था.

तब भारतीय नौसेना ने द्वारका हमले का बदला 6 साल बाद 1971 में लिया. उस समय इंडियन नेवी की मिसाइल बोट्स ने कराची में हमला किया, जिसकी वजह से 7 दिन और 7 रातों तक कराची बंदरगाह जलता रहा था और पाकिस्तान की आधी नौसेना तबाह हो गई थी. हालांकि आज पाकिस्तान एक बार फिर भारतीय नौसेना को लेकर गलतफहमी है और डिफेंस में एक अनकहा नियम है कि जब आपका दुश्मन Confused हो तो कभी सफाई नहीं देनी चाहिए. कभी उसका भ्रम तोड़ना नहीं चाहिए.

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