नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की सियायत में हलचल बढ़ती ही जा रही है क्योंकि 2022 की शुरुआत में ही वहां चुनाव होने हैं. ऐसे में महाराष्ट्र की सत्तारूढ़ पार्टी यूपी में भी अपने पैर पसारने की तैयारी में है. इसी क्रम में 2022 में शिवसेना उत्तर प्रदेश की सभी 403 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. हालांकि पार्टी ने अभी तक किसी अन्य राजनीतिक दल के साथ गठबंधन नहीं किया है, लेकिन गठबंधन की संभावना का संकेत दिया है.


'प्रदेश में जंगल राज, बहन बेटियां नहीं सुरक्षित'


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शिवसेना ने यह फैसला लखनऊ में प्रान्तीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद लिया. इस बैठक के बाद पार्टी के प्रदेश प्रमुख ठाकुर अनिल सिंह ने कहा कि यूपी में कानून व्यवस्था के बुरे हाल हैं. कोविड में लाशों को जलाने का साधन तक नहीं मिला. पार्टी प्रमुख ने कहा कि प्रदेश में जंगल राज है. बहन-बेटियों की असमत लूटी जा रही है. साथ ही प्रदेश सरकार ब्राह्मणों के साथ भी दुर्व्यवहार कर रही है.


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'शिक्षा माफियाओं के साथ मिली है योगी सरकार'


अनिल सिंह ने यूपी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि 'शिक्षा के नाम पर प्रदेश भर के विद्यालयों ने मनमानी फीस वसूली है. सरकार शिक्षा माफियाओं से मिली हुई है. प्रदेश में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी प्रदेश भर के विद्यालयों ने 15% फीस माफ नहीं की.



भाजपा को होगा नुकसान


शिवसेना के यूपी में आने से भाजपा को बड़ा नुकसान हो सकता है क्योंकि दोनों ही पार्टियों का वोटबैंक हिंदुत्व की विचारधारा से जुड़ा है. इसके अलावा ओवैसी की पार्टी AIMIM समेत कई क्षेत्रीय दल इस बार यूपी में घमासान के लिए तैयार हैं. 


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