Saamana Editorial: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के 'छावा' वाले बयान के बाद शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' में भाजपा और RSS पर सवाल उठाए हैं. साथ ही सवाल किया है कि अगर 'छावा' की वजह से लोगों में गुस्सा बढ़ा है तो क्या फिल्म के डायरेक्टर, मेकर्स और एक्टर्स के खिलाफ मुकदमा दर्ज करेंगे?
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Nagpur Violence: महाराष्ट्र की सियासत पिछले कई दिनों औरंगजेब और उसकी कब्र के इर्द-गिर्द घूम रही है. फिल्म 'छावा' की रिलीज के बाद चर्चा में आए औरंगजेब को लेकर सियासी नेताओं ने बयानबाजी की और फिर यह मामला ना सिर्फ महाराष्ट्र, बल्कि देश की राजनीति पर छा गया. नतीजे यह हुआ कि उस नागपुर में भी हिंसा हो गई जहां जो अहिंसा के लिए पहचाना जाता था. इसके लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने फिल्म 'छावा' को भी जिम्मेदार बताया है.
औरंगजेब को लेकर पैदा हुए विवाद ने उस समय तूल पकड़ा जब सपा विधायक अबू आसिम आजमी ने औरंगजेब की शान में कसीदे गढ़ने शुरू कर दिए थे, जो सत्ता पक्ष के नेताओं को बिल्कुल पसंद नहीं आया और उन्हें 'देशद्रोही' लकब से नवाजा गया, आखिर में नतीजा ये हुआ कि उन्हें पूरे बजट सत्र के लिए विधानसभा से निलंबित कर दिया गया. इसके अलावा नागपुर में पिछले दिनों देर रात अचानक हजारों की भीड़ ने हिंसा की, गाड़ियों, घरों में तोड़ फोड़ शुरू कर दी. इस हिंसा में कई पुलिसकर्मी भी जख्मी हुए.
हिंसा के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में कहा कि 'छावा' ने मराठा राजा छत्रपति संभाजी महाराज के इतिहास को लोगों के सामने लाया और मुगल शासक औरंगजेब के प्रति जनता का गुस्सा बढ़ा दिया. मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा,'छावा ने छत्रपति संभाजी महाराज के इतिहास को सामने रखा, जिससे लोगों की भावनाएं जागृत हुईं. औरंगजेब के प्रति जनता का गुस्सा सामने आ रहा है. ऐसे में कानून-व्यवस्था बनाए रखना जरूरी है और सभी को धैर्य रखना चाहिए. अगर कोई दंगा करेगा तो उस पर कड़ी कार्रवाई होगी, चाहे वह किसी भी जाति या धर्म का हो.'
मुख्यमंत्री के इस बयान को लेकर शिवसेना के मुखमत्र 'सामना' में हमला किया गया है. सामना के संपादकीय में लिखा,'नागपुर दंगों का ठीकरा मुख्यमंत्री फडणवीस ने ‘छावा’ फिल्म पर फोड़ा है, जो उनका मनोबल कमजोर होने का संकेत देता है. उन्होंने घोषणा की है कि दंगों के अपराधियों को नहीं छोड़ा जाएगा. मतलब, वे क्या करेंगे? ‘छावा’ फिल्म के निर्माता, निर्देशक और औरंगजेब की भूमिका निभाने वाले कलाकार के खिलाफ मुकदमा दर्ज करेंगे क्या? क्योंकि ‘छावा’ फिल्म की वजह से दंगे हुए हैं.
सामने के संपादकीय में लिखा गया,'संघ के श्री गोलवलकर गुरुजी और वीर सावरकर ने अपने लेखन में संभाजीराजा के बारे में अच्छा नहीं बताया. फिर भी लोगों ने दंगे नहीं किए. तो फिर एक फिल्म देखकर लोगों ने दंगे क्यों किए?' उन्होंने लिखा,'अब इस ‘छावा’ फिल्म के खास शो मुख्यमंत्री ने ही आयोजित किए थे. भाजपा और संघ परिवार की ओर से भी ‘छावा’ का प्रचार शुरू था.'
सामना में लिखा गया,'खरी-खरी बोलें तो भारतीय जनता पार्टी की नीयत साफ नहीं होने की वजह से महाराष्ट्र जल रहा है. आदमी-आदमी के बीच, जाति-धर्म के बीच झगड़े लगाने का काम हुआ. अब लोगों और कब्रों के बीच लड़ाई लगाकर भाजपा तालियां बजा रही है. औरंगजेब सत्ता के लिए धर्म का इस्तेमाल करता था. आज की भाजपा भी वही कर रही है. 1707 में औरंगजेब इसी मिट्टी में मरा. 2025 में भाजपा को एहसास हुआ कि 14 रुपए में बना यह मकबरा देश के लिए खतरनाक है.'