मुंबई: शिवसेना (Shiv Sena) के मुखपत्र सामना (Saamana) में किसान आंदोलन (Farmers Protest) और दिल्ली हिंसा को लेकर केन्द्र सरकार को कटघरे में खड़ा किया गया है. सामना में राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) का बचाव किया गया है. सामना में यह भी लिखा गया है कि हिंसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करे सरकार.


मोदी मंत्रिमंडल पर सवाल


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शिवसेना (Shiv Sena) के मुखपत्र सामना (Saamana) में लिखा है कि राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) द्वारा किसानों से हाथ में लाठी लेने का आह्वान करते ही वे देशद्रोही ठहरा दिया गया लेकिन 'गोली मारो' और 'खत्म करो' जैसे भड़काऊ भाषण देने वाले संत आज मोदी मंत्रिमंडल में हैं. पश्चिम बंगाल में भाजपा (BJP) नेताओं की भाषा रक्त-पात और हिंसाचार वाली है लेकिन टिकैत द्वारा हाथ में डंडा लेकर मोर्चे में शामिल होने की बात कहते ही सरकार बिफर पड़ी. किसानों के हाथ में हल, ट्रैक्टर और डंडे नहीं होंगे तो और क्या होगा? 


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हिंसा के दोषियों पर हो कार्रवाई


सामना (Saamana) में लिखा है दिल्ली के रास्ते पर जो लट्ठशाही हुई है उसकी जिम्मेदारी सिर्फ प्रदर्शनकारियों पर डालना ठीक नहीं है. सरकार को जो चाहिए था, वो करवा चुकी है. इसके शिकार किसान, अपना खून बहाने वाले पुलिसकर्मी और जवान हुए हैं. कृषि कानून (New Farm Law) पर सवाल उठाते हुए लिखा है, जिनके लिए कानून बनाया वही कानून का विरोध कर रहे हैं तो सरकार अहंकार की अग्नि क्यों भड़का रही है? शिवसेना (Shiv Sena) ने आरोप लगाया है कि लाल क़िला पर उत्पात मचाने वालों का नेतृत्व सिद्धू नामक व्यक्ति कर रहा था, उसका संबंध भाजपा (BJP) से है. जिन्होंने पुलिस पर हमला किया, उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए. कानून हाथ में लेने वालों से सरकार सख्ती से निपटे लेकिन 60 दिनों से दिल्ली की सीमा पर लड़ने वाले लाखों किसानों को देशद्रोही साबित करके हाशिए पर छोड़ना गलत है.


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