Maharashtra Voter Scam: महाराष्ट्र में शिवसेना (UBT) ने भाजपा और शिंदे गुट पर वोटर लिस्ट में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी करने का आरोप लगाया है.
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Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की शिवसेना (UBT) ने वोट चोरी को लेकर बड़ा आरोप लगाया है. पार्टी ने बुधवार 15 अक्टूबर 2025 को अपने माउथपीस 'सामना' में पब्लिश किए गए एक एडिटोरियल में आरोप लगाया कि महाराष्ट्र में वोटर लिस्ट में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हो रही है. पार्टी का कहना है कि इलेक्शन कमीशन (ECI) भाजपा के दबाव में एक निर्जीव कठपुतली बन गई है. एडिटोरियल में यह भी कहा गया है कि मृतकों के नाम लिस्ट में जोड़े जा रहे हैं, जबकि जीवित लोगों के नाम हटाए जा रहे हैं. साथ ही यह भी दावा किया गया है कि गुजरात में तैयार एक सॉफ्टवेयर का महाराष्ट्र में इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे 1 घर में 50-100 फर्जी नाम दर्ज किए जा रहे हैं.
शिवसेना (UBT) ने आरोप लगाया कि भाजपा और शिंदे गुट ने विधानसभा चुनावों में चुनावी मशीनरी को खरीदकर इसी तरह का खेल खेला था और अब जिला परिषद और नगर निगम चुनावों में भी यही दोहराया जा रहा है. एडिटोरियल में यह भी सवाल उठाया गया कि बीजेपी मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कैसे दावा किया कि महायुति को आगामी चुनावों में 51 प्रतिशत वोट मिलेंगे, जबकि चुनाव की तारीखें और गठबंधन की घोषणा अभी नहीं हुई है.
एडिटोरियल में शिंदे गुट के विधायक विलास भुमरे के उस बयान पर भी सवाल उठाया गया, जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्होंने 20 हजार बाहरी वोटर्स को लाकर वोटिंग करवाई. शिवसेना ने मांग करते हुए कहा कि चुनाव आयोग इसकी जांच करे कि आखिर ये वोटर लिस्ट में शामिल थे या उन्होंने EVM पर कब्जा कर लिया था. एडिटोरियल में यह भी दावा किया गया कि लोकसभा और विधानसभा चुनावों में महाराष्ट्र में 45 लाख वोट जोड़े गए थे, जिनमें से सभी भाजपा को मिले. लेख में कहा गया कि यह एक चमत्कार है, जिसकी जांच होनी चाहिए.
लेख में मुंबई नगर निगम चुनावों में VVPAT की मांग को खारिज करने पर भी सवाल उठाए गए. शिवसेना ने मांग करते हुए कहा कि BMC चुनाव बैलट पेपर से कराए जाएं, क्योंकि केंद्र सरकार ने EVM और VVPAT पर 20 हजार करोड़ खर्च करने का दावा किया है, फिर भी मुंबई में VVPAT उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हैं. आखिर में एडिटोरियल में चेतावनी देते हुए लिखा गया,' चुनाव आयोग को वोटर लिस्ट से लेकर चुनाव तक हर काम ट्रांसपेरेंसी के साथ करना चाहिए था, लेकिन अब यह काम राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता बड़ी मेहनत से कर रहे हैं. यह वोटर लिस्ट में भ्रष्टाचार को खत्म करने का आंदोलन है ताकि हर कोई अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव करा सके. अगर चुनाव आयोग ऐसी चेतावनियों को नजरअंदाज करता रहा तो भविष्य में एक बेहद बड़ी महाभारत हो सकती है.'
उन्हें लगता है कि मतदाता सूची में फर्जी नाम जोड़े जा रहे हैं और चुनाव आयोग भाजपा के दबाव में काम कर रहा है.
मुंबई नगर निगम चुनावों में VVPAT की मांग की गई है और बैलट पेपर से चुनाव कराने की मांग की गई है.