बासित के दावे पर अपनी प्रतिक्रिया में शोभा डे ने कहा कि वह निंदनीय व्यक्ति हैं, जो न सिर्फ उन्हें, बल्कि भारत को बदनाम करने के लिए एक कहानी गढ़ रहे हैं.
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इस्लामाबाद/नई दिल्ली: भारत में पाकिस्तान के पूर्व उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने एक विवादास्पद बयान में कहा है कि 2016 में आतंकी बुरहान वानी की हत्या के बाद उन्होंने प्रख्यात सोशलाइट-कॉलमनिस्ट शोभा डे से जम्मू-कश्मीर में जनमत संग्रह के पक्ष में वकालत करवाई. हालांकि डे ने इस दावे का खंडन किया है. पाकिस्तानी ब्लॉगर फरहान विर्क को दिए एक साक्षात्कार में भारत में पाकिस्तान के पूर्व उच्चायुक्त ने कहा, "हमने देखा कि वुरहान वानी की शहादत के बाद किस प्रकार पेलेट गन का इस्तेमाल किया गया और कश्मीर पर आर्थिक प्रतिबंध लगा दिया गया, जिससे कश्मीर की अर्थव्यवस्था नष्ट हो गई और भारत में इसके बारे में कोई बोलने वाला नहीं था."
उन्होंने कहा, "मेरे लिए यह चुनौतीपूर्ण कार्य था कि किसी पत्रकार को इस बात के लिए मनाया जाए कि वह कश्मीरियों के खुद के निर्णय लेने के फैसले के अधिकार को लेकर अखबार में एक आलेख लिखे. आखिरकार मुझे महिला पत्रकार शोभा डे मिलीं, जो काफी प्रख्यात हैं. वह एक आलेख लिख रही थीं.
#WATCH Columnist Shobhaa De responds to claims by Former Pakistan High Commissioner to India, Abdul Basit, that he managed to influence her writings on Kashmir pic.twitter.com/784dub1wBW
— ANI (@ANI) August 12, 2019
मैं उनसे मिला और उनको समझाया. उन्होंने आलेख के आखिर में लिखा कि अब समय आ गया है कि जनमत संग्रह के माध्यम से कश्मीर मसले का हमेशा के लिए समाधान किया जाए." बासित के दावे पर अपनी प्रतिक्रिया में शोभा डे ने कहा कि वह निंदनीय व्यक्ति हैं, जो न सिर्फ उन्हें, बल्कि भारत को बदनाम करने के लिए एक कहानी गढ़ रहे हैं.