Shocking incident in Abohar Punjab: पंजाब पुलिस का रोचक कारनामा सामने आया है. जहां एक फैक्टरी मालिक चोर को पकड़ थाने ले गया. वहां एचएचओ ने कहा- चोर बहुत गंदा है. मिट्टी लगी है. कार्रवाई कराना है तो नहलाकर लाओ. मरहम पट्टी भी करा देना. जानें पूरा मामला.
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Punjab News: पंजाब के अबोहर में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे सुनकर आप हंसते-हंसते लोटपोट हो जाएंगे. एक फैक्ट्री मालिक ने चोर को पकड़कर थाने पहुंचाया, लेकिन वहां पुलिस ने कुछ ऐसा कहा कि सब हैरान रह गए. सिटी-2 थाने की SHO प्रमिला रानी ने कथित तौर पर चोर को देखकर कहा, “ये तो बहुत गंदा है, मिट्टी से सना हुआ है. इसे नहलाकर लाओ और चोटों की मरहम-पट्टी भी करवा दो, तब कार्रवाई करेंगे.”
तुमने थप्पड़ मारा है
ये सुनकर फैक्ट्री मालिक का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया. उनका आरोप है कि जब वो चोर को नहलाकर दोबारा थाने ले गए, तो पुलिस ने उल्टा उन्हें धमकाया और कहा, “तुमने चोर को थप्पड़ मारा, तुम पर भी कार्रवाई हो सकती है.” नतीजा? न तो केस दर्ज हुआ और न ही चोर पर कोई कार्रवाई हुई.
फैक्ट्री में चोरी करते पकड़ा गया चोर
मीडिया रिपोर्ट में छपी खबर के मुताबिक, अबोहर के फोकल प्वाइंट इलाके में ईशान गाबा और रजत रहेजा की फैक्ट्री बन रही है. शनिवार को वहां चोरी हुई और रविवार दोपहर 3 बजे फिर एक चोर सामान चुराते पकड़ा गया. रजत को खबर मिली और उन्होंने चोर को पकड़ लिया. जिसके बाद ईशान के पिता सतीश गाबा के साथ मिलकर चोर को सिटी-2 पुलिस स्टेशन ले गए. सतीश का कहना है कि SHO प्रमिला ने चोर को नहलाने और उसकी चोटों की मरहम-पट्टी कराने को कहा. मजबूरी में सतीश चोर को अपने घर ले गए, उसे नहलाया और अपने कपड़े तक पहनाए. लेकिन जब वो दोबारा थाने पहुंचे, तो पुलिस ने उल्टा उन्हें डांटकर भगा दिया.
हमने चोर को पकड़ा, हम ही चोर को नहलाएं
सतीश गाबा ने गुस्से में कहा, “हमारी फैक्ट्री में चोरी हुई, हमने चोर को पकड़ा और अब उसे नहलाकर थाने लाएं? यह कहां का नियम है.” उनका कहना है कि चोर ने करीब 2 लाख रुपए का सामान चुराया, जिसमें तांबे की तारें, बोर्ड और दूसरा सामान शामिल है. सतीश ने चोर से कहा कि 4-5 हजार रुपये ले ले और सामान लौटा दे, लेकिन उसने मना कर दिया.
पुलिस ने क्या दी सफाई?
इस मामले में SHO प्रमिला रानी ने सफाई दी कि उन्होंने चोर को नहलाने की बात नहीं कही थी. उनका कहना था कि चोर को चोटें लगी थीं, इसलिए दवा दिलाने को कहा गया. साथ ही पीड़ित ने लिखित शिकायत नहीं दी, इसलिए केस दर्ज नहीं हुआ.