CJI Gawai on Shoe Attack: जूता फेंकने के मामले चीफ जस्टिस बीआर गवई की गुरुवार को प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में उन पर हुए शू अटैक को लेकर वह बहुत ज्यादा हैरान रह गए थे.
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Chief Justice BR Gawai: एक वकील की ओर से जूता फेंकने के मामले चीफ जस्टिस बीआर गवई ने गुरुवार को चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में उन पर हुए शू अटैक को लेकर वह बहुत ज्यादा हैरान रह गए थे. हालांकि इस मामले पर उन्होंने कहा कि वह इसे 'भुला' चुके हैं. चीफ जस्टिस पर वकील राकेश किशोर ने जूता फेंका था, जिसके बाद हड़कंप मच गया था. पीएम मोदी से लेकर अन्य राजनीतिक पार्टियों के नेताओं ने इस घटना की निंदा की थी.
'यह भूला हुआ अध्याय है'
चीफ जस्टिस ने कहा कि उस दिन जो कुछ हुआ, उससे मैं और बेंच के साथी जज बहुत हैरान थे पर अब हमारा लिए वो भूला हुआ अध्याय है. कोर्ट रूम में एक वकील के साथ बातचीत के क्रम में चीफ जस्टिस ने यह टिप्पणी की. वकील गोपाल शंकर नारायणन ने कहा, मैंने इस घटना पर आर्टिकल लिखा है. 10 साल पहले भी सुप्रीम कोर्ट में ऐसी घटना हुई थी, लेकिन तब जजों ने एक अलग रुख अख्तियार करते हुए अवमानना की शक्तियों का इस्तेमाल किया था. उस बेंच में शामिल जस्टिस उज्जल भुइयां ने शू अटैक को लेकर सख्त रुख अपनाया. उन्होंने कहा, मेरा इस मामले पर अलग रुख है. वह चीफ जस्टिस हैं. यह मजाक की बात नहीं है. इसके बाद मुझे कोई खेद नहीं है; यह संस्था का अपमान है.
CJI पर जूता क्यों फेंका, वकील ने बताया
दूसरी ओर सीजेआई पर जूता फेंकने वाले वकील राकेश किशोर ने बताया कि आखिर उन्होंने ऐसा क्यों किया. उन्होंने वकालत का लाइसेंस रद्द किए जाने को 'तुगलकी फरमान' करार दिया.
वकील राकेश किशोर ने इस घटना को ईश्वरीय कृत्य बताया. उन्होंने कहा कि यह सबकुछ मेरे द्वारा नहीं किया गया, बल्कि परमात्मा ने मुझसे कराया. मेरा ऐसा करने का बिल्कुल भी मन नहीं था. उन्होंने कहा कि मेरी इस हरकत के पीछे एक संदेश छुपा था, जो मैं वहां तक पहुंचाने की कोशिश कर रहा था. सीजेआई गवई ने 16 सितंबर को एक पीआईएल की सुनवाई की थी. मुझे इस बारे में जानकारी नहीं है कि आखिर किसने पीआईएल दाखिल की थी. आखिर कौन वकील था?
वकील राकेश किशोर ने दावा किया कि सुनवाई के दौरान सीजेआई ने सनातन धर्म का अपमान किया था. खुजराहो में सात फीट की भगवान विष्णु की एक मूर्ति है. इस मूर्ति का सिर धड़ से अलग है. जब विदेशी आक्रांता भारत आए थे, तो उन्होंने कई हिंदू मंदिरों पर हमला किया था. इनमें यह मंदिर भी शामिल था. हमले में भगवान विष्णु की मूर्ति क्षतिग्रस्त हो गई थी. मैं खुद उस मूर्ति के पास जाकर रो चुका हूं. मुझे इस बात का दुख है कि इतनी सुंदर मूर्ति का सिर गायब है। यह हम सभी लोगों के लिए दुख का विषय है.
सीजेआई ने की थी ये टिप्पणी
राकेश किशोर ने कहा कि इस मूर्ति को ठीक करने की मांग जब सीजेआई के सामने उठाई गई तो उन्होंने कहा कि 'तुम तो इतने बड़े भगवान के भक्त हो. तुम ही जाकर मूर्ति से कहो कि 'वो ही कुछ कर लें, अपने आपको ठीक कर लें.' मुझे ये टिप्पणी ठीक नहीं लगी. इससे भी ज्यादा दुख मुझे इस बात का हुआ कि सीजेआई ने याचिकाकर्ता की याचिका खारिज कर दी.
इसके बाद अगले दिन इस संबंध में बयान जारी किया गया. ऐसा करके इस पूरे विवाद को विराम देने की कोशिश की गई. हम इस बात पर भी सहमत हो गए, लेकिन इसके बाद उन्होंने तीन दिन पहले मॉरीशस में कह दिया कि बुलडोजर से देश नहीं चलेगा. अब आप सभी को पता है कि बुलडोजर कहां और क्यों चल रहा है?