Fact Check: क्या कैबिनेट बैठक में हुई सिखों को भारतीय सेना से हटाने की बात, जानें क्या है इसका सच
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Fact Check: क्या कैबिनेट बैठक में हुई सिखों को भारतीय सेना से हटाने की बात, जानें क्या है इसका सच

डीएस जनरल बिपिन रावत की मृत्यु के बाद कैबिनेट बैठक के वीडियो से छेड़छाड़ करने का मामला सामने आया है. सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल किया जा रहा है, हालांकि, मामला दर्ज हो गया है.

कैबिनेट बैठक के वीडियो से छेड़छाड़

नई दिल्ली:  सीडीएस जनरल बिपिन रावत की मृत्यु के बाद कैबिनेट बैठक के वीडियो से छेड़छाड़ कर उसे सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है. इसमें यह दिखाने की कोशिश की जा रही है कि यह बैठक सिख समुदाय के खिलाफ आयोजित की गई थी. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने लोगों से अपील की है कि इस तरह के फर्जी वीडियो पर भरोसा ना करें. हालांकि, वीडियो को देखने के बाद दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने आईपीसी की धारा 153A के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. वीडियो वायरल करने वाले ट्विटर अकाउंट @simrankaur0507 और @eshalkaur1 को लेकर जवाब मांगा गया है.

  1. कैबिनेट बैठक के वीडियो से छेड़छाड़
  2. सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा वीडियो
  3. सीडीएस जनरल बिपिन रावत की मृत्यु के बाद हुई बैठक का था वीडियो

 साइबर सेल​ सोशल मीडिया की मॉनिटरिंग कर रही थी

IFSO के डीसीपी केपीएस मल्होत्रा ने बताया की स्पेशल सेल की साइबर सेल सोशल मीडिया की मॉनिटरिंग कर रही थी. इस दौरान उन्होंने देखा कि एक फर्जी वीडियो ट्विटर पर कुछ ट्विटर हैंडल से शेयर की गई है. वास्तव में यह वीडियो बीते नाै दिसंबर को आयोजित हुई कैबिनेट मीटिंग का है जो सीडीएस जनरल बिपिन रावत की मृत्यु के बाद आयोजित की गई थी यह वीडियो कई न्यूज पोर्टल और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मौजूद है कुछ लोगों ने धार्मिक भावनाओं को भड़काने के मकसद एवं लोगों के बीच में दुश्मनी पैदा करने के लिए इस वीडियो को मॉर्फ्ड किया और उस पर नया वॉइस ओवर कर उसे ट्वीट कर दिया.

लोगों के बीच दुश्मनी फैलाने के मकसद से वीडियो के साथ छेड़छाड़

ट्वीट किए गए इस वीडियो में यह दिखाने की कोशिश की गई है कि यह बैठक सिख समुदाय के खिलाफ आयोजित की गई थी. लोगों के बीच दुश्मनी फैलाने के मकसद से यह वीडियो वॉइस ओवर के साथ तैयार किया गया था. इस वीडियो से धार्मिक भावनाएं आहत करने एवं लोगों के बीच दुश्मनी फैलने का खतरा है. शुरुआती तफ्तीश में पता चला है कि इस वीडियो को शुरुआत में @simrankaur0507 और @eshelkaur1 नामक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर आगे बढ़ाया गया था. दिल्ली पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वह इस तरह के फर्जी वीडियो पर भरोसा ना करें और इस तरह के वीडियो को बिना जांचे आगे ना बढ़ाए. पीआईबी द्वारा भी इस वीडियो को अपने ट्विटर हैंडल से फेक बताया गया है.

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