SIA Kashmir raid: यह छापेमारी आतंकियों के उस इकोसिस्टम को खत्म करने के प्रयास का हिस्सा है जो कश्मीर घाटी में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने में लगा हुआ है. अधिकारियों का मानना है कि इनका संबंध हाल ही में हुए पहलगाम हमले से हो सकता है.
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LeT JeM module busted: जम्मू कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ चल रहे अभियान के तहत एक बड़ी सफलता हाथ लगी है. स्टेट इन्वेस्टिगेटिंग एजेंसी (SIA) ने लश्कर ए तैयबा और जैश ए मुहम्मद जैसे आतंकी संगठनों से जुड़े मददगारों के नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए दक्षिणी कश्मीर में 20 ठिकानों पर छापेमारी की. यह कार्रवाई सोमवार तड़के हुई और इसमें कई इलाकों को एक साथ निशाना बनाया गया.
असल में जानकारी के मुताबिक यह छापेमारी आतंकियों के उस इकोसिस्टम को खत्म करने के प्रयास का हिस्सा है जो कश्मीर घाटी में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने में लगा हुआ है. अधिकारियों का मानना है कि इनका संबंध हाल ही में हुए पहलगाम हमले से हो सकता है. छापेमारी अनंतनाग, शोपियां, पुलवामा और कुलगाम जिलों के 12 गांवों में की गई. जो रात करीब 4 बजे एक साथ शुरू हुई और कई घंटे तक चली.
छापे जिन जगहों पर हुए उनमें अनंतनाग के मट्टन, शांगस, लुकबावन, लारकीपोरा और शिचेन शामिल हैं. शोपियां जिले में मुजमरग और वोयेन इमामसाहिब, पुलवामा जिले में नैना और कोइल गांव और कुलगाम के यारीपोरा, बुगाम व दाऊलो बोगुंड गांवों में तलाशी ली गई. इस कार्रवाई के दौरान दो मोबाइल फोन, एक लैपटॉप, कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए हैं, जिनकी फॉरेंसिक जांच की जा रही है.
हालांकि इस छापेमारी में अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है. लेकिन करीब 20 संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है. जांच एजेंसी को शक है कि इनमें से कुछ लोग सीधे तौर पर आतंकी साजिश में शामिल हो सकते हैं. SIA का कहना है कि ये संदिग्ध एनक्रिप्टेड मैसेजिंग ऐप्स जैसे व्हाट्सएप, टेलीग्राम और सिग्नल के जरिए आतंकियों को सुरक्षा बलों और संवेदनशील ठिकानों की जानकारी भेज रहे थे.
SIA ने बताया कि ये आतंकी सहयोगी लश्कर और जैश के कमांडरों के संपर्क में थे और ऑनलाइन कट्टरपंथी प्रचार का भी हिस्सा थे, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन रहा था. प्रारंभिक जांच से पता चला है कि ये लोग एक बड़ी आतंकी साजिश में सक्रिय रूप से शामिल थे और घाटी में आतंकी नेटवर्क को मजबूती दे रहे थे.
यह तलाशी गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत दर्ज एफआईआर संख्या 01/2025 की जांच का हिस्सा है. इसमें यूएपीए की धारा 13, 17, 18, 18 बी, 38 और 39 के तहत केस दर्ज किया गया है. SIA ने स्पष्ट किया है कि ऐसे नेटवर्क को जड़ से खत्म करने तक यह अभियान जारी रहेगा.