CM Siddaramaiah: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया द्वारा 13 अक्टूबर को अपने मंत्रिपरिषद के साथ रात्रिभोज आयोजित करने की योजना से मंत्रिमंडल में संभावित फेरबदल के बारे में अटकलें तेज हो गई हैं. फिलहाल, कांग्रेस आधिकारिक तौर पर जोर दे रही है कि बिहार चुनाव खत्म होने तक किसी भी फेरबदल पर कोई बातचीत नहीं होगी.
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Siddaramaiah Dinner Party: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया द्वारा 13 अक्टूबर को अपने मंत्रिपरिषद के साथ रात्रिभोज आयोजित करने की योजना से मंत्रिमंडल में संभावित फेरबदल के बारे में अटकलें तेज हो गई हैं. फिलहाल, कांग्रेस आधिकारिक तौर पर जोर दे रही है कि बिहार चुनाव खत्म होने तक किसी भी फेरबदल पर कोई बातचीत नहीं होगी. सूत्रों के मुताबिक, पार्टी आलाकमान इस साल नवंबर में होने वाले बिहार चुनाव के बाद ही अंतिम फैसला लेगा.
बता दें, पार्टी नेता निजी तौर पर स्वीकार करते हैं कि हाईकमान का वर्तमान ध्यान बिहार चुनाव पर है और कर्नाटक पर कोई भी बड़ा निर्णय चुनाव समाप्त होने तक टाल दिया जाएगा. सूत्रों के अनुसार, सिद्धारमैया का खेमा इस फेरबदल को अपनी सत्ता मजबूत करने के एक अवसर के रूप में देख रहा है. सिद्धारमैया फेरबदल की कोशिश इसलिए कर रहे हैं क्योंकि इस फेरबदल का मतलब होगा कि वे अपने भीतर के तालमेल को फिर से ढाल सकेंगे. अगर शीर्ष पर रहते हुए फेरबदल होता है, तो इसका मतलब है कि उनकी स्थिति पक्की हो गई है.
शीर्ष स्तर पर बदलाव चाहता है शिवकुमार का खेमा
शिवकुमार के प्रति वफादार प्रतिद्वंद्वी खेमा कथित तौर पर किसी भी तरह का फेरबदल नहीं चाहता है, बल्कि शीर्ष स्तर पर बदलाव के लिए दबाव बना रहा है. सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस आलाकमान फिलहाल अपना ध्यान बिहार चुनावों पर केंद्रित रखना चाहता है तथा किसी भी तरह की अटकलों या असहमति की बात को खुलकर सामने नहीं आने देना चाहता. इस बीच, सिद्धारमैया के 13 अक्टूबर के रात्रिभोज के निमंत्रण ने लोगों को चौंका दिया है. आधिकारिक तौर पर मुख्यमंत्री ने इसे सभी मंत्रियों को घटनाक्रम से अवगत कराने और एक शिष्टाचार मुलाकात बताया है. लेकिन पार्टी सूत्रों का कहना है कि यह फेरबदल से पहले एक अनौपचारिक बातचीत का मंच बन सकता है. शिवकुमार ने सार्वजनिक रूप से पार्टी नेतृत्व को यह कहते हुए छोड़ दिया है कि सभी निर्णय आलाकमान द्वारा लिए जाएंगे.
फिर भी अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि शिवकुमार के वफादार नेतृत्व परिवर्तन के लिए दबाव बना रहे हैं. विधायक इकबाल हुसैन ने खुले तौर पर घोषणा की है कि डीके शिवकुमार मुख्यमंत्री बनेंगे. गृह मंत्री जी परमेश्वर समेत अन्य लोगों ने अटकलों पर विराम लगाने की कोशिश की है. परमेश्वर ने कहा कि मंत्रिमंडल में किसी बड़े फेरबदल पर चर्चा नहीं हुई है और उन्होंने यह भी कहा कि रात्रिभोज की बैठक का गलत मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए.
2023 से ही लग रही अटकलें
मंगलवार को सिद्धारमैया मंत्रिमंडल के दो प्रमुख सदस्यों - पीडब्ल्यूडी मंत्री सतीश जारकीहोली और परमेश्वर ने सार्वजनिक रूप से कांग्रेस आलाकमान से नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों पर विराम लगाने का आग्रह किया. जारकीहोली ने कहा कि हाईकमान को कहना होगा पूर्ण विराम. अगर वे कहेंगे, तो अच्छा होगा. अगर नहीं, तो नौकरशाही और पार्टी के भीतर भ्रम की स्थिति पैदा होगी. उन्होंने आगे कहा कि मेरी राय में इस विषय पर जल्द से जल्द पूर्ण विराम लगना चाहिए. परमेश्वर ने सहमति जताते हुए कहा कि सतीश जारकीहोली ने जो कहा है वह सही है हम हर दिन मीडिया में पार्टी के हर व्यक्ति को अलग-अलग बयान देते हुए देख रहे हैं. उनका यह कहना कि मुद्दे का समाधान होना चाहिए. आलाकमान यह करेगा. आलाकमान को पता है कि किस स्थिति में क्या दवा देनी है. बता दें, परिवर्तन की अटकलें मई 2023 से ही लग रही थीं जब कांग्रेस कर्नाटक में सत्ता में लौटी थी. पार्टी को सरकार बनाने के लिए सिद्धारमैया और शिवकुमार गुटों के बीच सावधानीपूर्वक बातचीत करनी पड़ी थी.