सिख प्रचाारक रणजीत सिंह ढडरियां वाले के खिलाफ बलात्कार और हत्या के 12 साल पुराने मामले में एफआईआर
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सिख प्रचाारक रणजीत सिंह ढडरियां वाले के खिलाफ बलात्कार और हत्या के 12 साल पुराने मामले में एफआईआर

Bhai Ranjit Singh Dhandrian Wale News: पंजाब पुलिस ने 'रणजीत सिंह ढडरियां वाले' नामक सिख प्रचारक के खिलाफ बलात्कार और हत्या के आरोपों के साथ नई एफआईआर दर्ज की है. पुलिस ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट को FIR की जानकारी दे दी है.

सिख प्रचाारक रणजीत सिंह ढडरियां वाले के खिलाफ बलात्कार और हत्या के 12 साल पुराने मामले में एफआईआर

सिख प्रचारक रणजीत सिंह ढडरियां वाले के खिलाफ पंजाब पुलिस ने 2012 के मामले में नई एफआईआर दर्ज की है. ढडरियांवाले के खिलाफ बलात्कार और हत्या के आरोपों के साथ पटियाला में FIR दर्ज की गई है. पंजाब के पुलिस महानिदेशक (DGP) गौरव यादव ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में इस बाबत हलफनामा दायर किया है. यह मामला 12 साल पुराना है और शेखपुरा के गुरुद्वारा परमेश्वर द्वार के बाहर बेहोश पाई गई एक महिला की मौत से जुड़ा है. पीड़िता के भाई की शिकायत के आधार पर पासियाना पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था. नई एफआईआर, भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 302 (हत्या), 376 (बलात्कार) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत दर्ज की गई है.

पंजाब पुलिस ने अदालत को क्या बताया?

पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने चीफ जस्टिस शील नागू की अगुवाई वाली बेंच के सामने हलफनामा दायर किया. याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि उसकी बहन के पोस्टमार्टम में जहर की पुष्टि हुई थी, लेकिन तब पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. हलफनामे के मुताबिक, पीड़िता को 22 अप्रैल, 2012 को बेहोशी की हालत में पाया गया था. बाद में पटियाला के राजिंद्र अस्पताल में उसकी मौत हो गई.

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उस समय दर्ज किए गए बयानों में, जिसमें उसकी मां के बयान भी शामिल थे, किसी भी तरह की गड़बड़ी का शक नहीं था. पोस्टमार्टम में एल्युमिनियम फॉस्फाइड कीटनाशक के जहर के कारण मौत का पता चला. पीड़िता के परिवार ने बाद में एक कार्यकारी मजिस्ट्रेट के सामने गवाही दी कि उन्हें उसकी मौत में किसी पर संदेह नहीं है.

हलफनामे में कहा गया है कि जून से नवंबर 2012 के बीच, पीड़िता की बहन ने ढंडरियांवाले की संलिप्तता का आरोप लगाते हुए चार शिकायतें दर्ज कराईं, लेकिन पुलिस जांच में मामले को बंद करने की सिफारिश की गई. रूटीन प्रोसेस के तहत, 2020 में इन रिकॉर्ड्स को नष्ट कर दिया गया.

मामला फिर से तब उठा, जब पीड़िता के भाई ने आरोप लगाया कि सितंबर 2023 में उसे कुछ लोगों ने धमकाया. हाई कोर्ट की फटकार के बाद, 7 दिसंबर 2024 को ढंडरियांवाले के खिलाफ पासियाना थाने में एफआईआर दर्ज की गई.

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रणजीत सिंह ढडरियां वाले के वकील ने क्या कहा?

परमेशर द्वार के अधिकारियों ने दावा किया कि लड़की की मौत परिसर के बाहर हुई और कहा कि उस समय रंजीत सिंह ढडरियांवाले देश से बाहर थे. ढंडरियांवाले के वकील जीएस घुमन ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा, 'आरोप निराधार हैं, यह याचिकाकर्ता द्वारा बनाई गई एक काल्पनिक कहानी है, जिसने खुद 2012 में अपनी बहन की मौत में किसी भी तरह की गड़बड़ी से इनकार करते हुए एक हलफनामे पर हस्ताक्षर किए हैं. पीड़िता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कभी भी बलात्कार या किसी चोट का जिक्र नहीं किया गया. बाबा रणजीत सिंह को न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है और वह जांच में सहयोग करेंगे.'

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