AIIMS Report on sleep: एम्स की रिपोर्ट के मुताबिक ऐसी अच्छी नींद भारत में आधी आबादी की आंखों को नसीब नहीं है. नींद पर ये विश्लेषण क्यों जरूरी है आपको ये भी जान लेना चाहिए.
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Sleep deprivation can causes death: क्या आप भी सोने के समय सोशल मीडिया रील्स (Reel) के झांसे में आ जाते हैं. मोबाइल पर नोटिफिकेशंस स्क्रॉल करते-करते देर रात तक जागते रहते हैं तो सचेत हो जाइए, क्योंकि एम्स (AIIMS) ने ऐसा खुलासा किया है जिसे ध्यान में रखकर आपकी जान बचाई जा सकती है. दरअसल लोगों में अच्छी नींद की कमी पर देश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल AIIMS की ये रिपोर्ट आपको हैरान कर देगी.
AIIMS का खुलासा
AIIMS के मुताबिक देश की करीब करीब 50 प्रतिशत आबादी की आंखों से नींद गायब है. AIIMS के सर्वे से पता चला है कि देश में 33 से 50 प्रतिशत लोगों को अच्छी नींद नहीं आती. एक सावधान करने वाली बात ये भी है 5 घंटे से कम सोने वालों को हार्ट अटैक का खतरा रहता है. 87 प्रतिशत भारतीय तो ऐसे हैं जो सोने से ठीक पहले फोन पर रील्स या सोशल मीडिया अकाउंट चेक करते हैं.
क्या होती है अच्छी नींद
अच्छी नींद का मतलब लंबे समय तक बिना रुकावट के सोना नहीं होता. आपकी नींद कितनी गहरी थी ये समझना भी जरूरी है. नींद लेने के बाद आपको सुबह खुद को फ्रेश महसूस कर रहे हैं या नहीं, आपमें ऊर्जा है या नहीं, ये सारी बातें अच्छी नींद की परिभाषा का आधार है. स्वस्थ शरीर पाने के लिए कम से कम 7 घंटे की नींद लेनी चाहिए.
अच्छी नींद के फायदे
अच्छी नींद वाले व्यक्ति की एकाग्रता और याद्दाश्त अच्छी रहती है. अच्छी नींद से व्यक्ति की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर में सूजन हो तो वो भी कम होती है. अगर आप अच्छी नींद नहीं ले पा रहे हैं तो यकीन मानिए आप कई बीमारियों को न्योता दे रहे हैं.
कम नींद के नुकसान
मोटापा, डायबिटीज़, हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक तक हो सकता है. कम नींद लेने से दिनभर चिड़चिड़ापन बना रहता है. एम्स की रिसर्च में कम नींद लेने वाले व्यक्तियों पर होने वाले असर के बारे में कई ऐसी बातें लिखी हैं जो डराती हैं. जैसे 7 घंटे सोने वालों के मुकाबले 5 घंटे से कम नींद ले रहे व्यक्ति को हार्ट अटैक का खतरा 56 प्रतिशत तक ज्यादा रहता है.
वेकफिट का सर्वे
भारत की 55% आबादी रात 11 बजे के बाद सोती है. 90% लोग रात में एक या दो बार उठते हैं. 87% लोग सोने से ठीक पहले अपना फोन चेक करते हैं. इनमें से 74 प्रतिशत लोगों की उम्र 25 से 34 साल के बीच है. स्टडी में पता चला है कि 38% लोग रात में सोने से पहले भविष्य की चिंताओं में डूबकर नींद खराब करते हैं. 18 साल से कम के 40% बच्चे ये मानते हैं कि वो नींद ना आए की परेशानी के शिकार हैं. 25 से 34 साल के 56% लोगों को लगता है कि उन्हें ठीक से नींद नहीं आती. देश में 53% महिलाओं और 61% पुरुषों ना माना है कि वो सुबह उठने पर तरोताज़ा महसूस करते हैं. इसी सर्वे में ये भी पता चला है कि 56% पुरुषों और 67% महिलाओं को ऑफिस में नींद आती है.
अच्छी नींद के लिए क्या करें?
शांत कमरे में सोएं. मोबाइल और टीवी को सोने से 1 घंटे पहले छोड़ दें. खाना खाने के 2 घंटे बाद ही सोएं. नींद ना आए तो गुनगुने पानी से मुंह, हाथ और पैरों को धोकर, उनकी मालिश करें. चिंता में डूबे व्यक्ति को नींद नहीं आती, ऐसे में रात को सोते वक्त दिमाग में कोई तनाव ना रखें.
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