FACT: सावर्जनिक स्थानों पर छींकना-खांसना भी है अपराध, जेल तक जाने की आ सकती है नौबत
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FACT: सावर्जनिक स्थानों पर छींकना-खांसना भी है अपराध, जेल तक जाने की आ सकती है नौबत

जानलेवा संक्रमण या वायरस को फैलाना दंडनीय अपराध है.

फाइल फोटो

नई दिल्ली: सर्दी-खांसी होना एक आम बात है. आपने सावर्जनिक स्थानों पर जाने-अनजाने छींका और खांसा भी होगा. लेकिन क्या आप जानते हैं कि पब्लिक प्लेस पर खांसना या छींकना तक एक अपराध है? क्या आपको ये मालूम है कि अगर सार्वजनिक स्थानों पर छींकने या खांसने की शिकायत होने पर आपको सलाखों के पीछे बंद किया जा सकता है? अगर नहीं पता तो इस खबर को ध्यान से पढ़ लीजिए...

IPC की धारा 270
भारतीय आचार संहिता (IPC) की धारा 270 के तहत किसी व्यक्ति द्वारा जानबूझकर किसी जानलेवा संक्रमण या वायरस को फैलाना दंडनीय अपराध है. ऐसा करते पकड़े जाने पर जुर्माना या जेल अथवा दोनो का प्रावधान है. इस अपराध में अधिकतम 2 साल जेल की सजा का भी प्रावधान है. 

कैसे हालात में हो सकती है सजा
वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. केके अग्रवाल का कहना है कि इस वक्त कोरोना वायरस का प्रकोप जारी है. अगर भारत आने वाला कोई व्यक्ति किसी कोरोना वायरस संक्रमित से मिला हो और सरकार को इसकी जानकारी नहीं देता है तो उस व्यक्ति को कानून के तहत सजा का प्रावधान है. इसी तरह कोई चीन से वापस आकर सर्दी-खांसी से पीड़ित है और सरकार को ये बात नहीं बताई तो भी ये गुनाह ही माना जाएगा. डॉ. अग्रवाल ने आगे बताया कि फैलने वाले वायरस की सबसे खतरनाक बात ये है कि कोई भी संक्रमित व्यक्ति सिर्फ छींककर या खांसकर ही अपने आप पास के लोगों को बीमार कर सकता है. इन हालातों में अगर आप किसी सावर्जनिक स्थान पर छींकते या खांसते हैं तो इसके लिए सरकार आपके खिलाफ भारतीय आचार संहिता के तहत कड़ी कार्रवाई कर सकती है. हालांकि अभी भी भारत सरकार ने इस प्रावधान के तहत किसी को सजा नहीं दी है.

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डॉ. केके अग्रवाल

किसी भी संक्रमण या वायरस के फैलने पर सरकार उठा सकती है कदम
मामले से जुड़े एक अन्य अधिकारी का कहना है कि कोरोना वायरस या अन्य किसी ऐसे ही वायरस महामारी के फैलने पर केंद्र सरकार आम लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकती है. ऐसे हालातों में अगर आप पब्लिक प्लेस में सर्दी-जुकाम संक्रमित पकड़े जाते हैं तो आपके खिलाफ सरकार एक्शन ले सकती है. 

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