New Invention for farmers: मध्यप्रदेश के इंदौर स्थित एक प्रमुख इंजीनियरिंग संस्थान के स्टूडेंट्स ने खेतों में फसलों पर कीटनाशकों के छिड़काव के लिए सौर ऊर्जा से चलने वाला 'स्प्रेयर' (छिड़काव करने वाला यंत्र) विकसित किया है. विद्यार्थियों का कहना है कि खास डिजाइन वाला यह यंत्र किसानों को छिड़काव के बाद आम तौर पर होने वाले बदन दर्द से भी निजात दिलाएगा.


तीन महीने की रिसर्च से बना स्प्रेयर


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श्री जीएस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (एसजीएसआईटीएस) के विद्यार्थी ऋषभ सिंह ने शनिवार को बताया, 'हमारे चार मेंमर्स की टीम ने करीब तीन महीने की रिसर्च के बाद किसानों के लिए सौर ऊर्जा से चलने वाला स्प्रेयर बनाया है. इस यंत्र में सोलर पैनल भी लगाया गया है और इससे बनने वाली सौर ऊर्जा से इसकी मोटर चलती है.'


खास है इसकी डिजाइन


एसजीएसआईटीएस, सरकारी सहायताप्राप्त स्वायत्त संस्थान है और सिंह इसमें इंडस्ट्रियल एंड प्रोडक्शन इंजीनियरिंग के अंतिम वर्ष के विद्यार्थी हैं. उन्होंने कहा कि करीब 13 किलोग्राम वजनी स्प्रेयर को अपने कंधे पर टांग कर किसान इसकी मदद से अपनी फसलों पर कीटनाशकों का आसानी से छिड़काव कर सकते हैं और यंत्र को कुछ इस तरह डिजाइन किया गया है कि छिड़काव के बाद किसानों को बदन दर्द नहीं होगा.


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महज 5 हजार की लागत 


सिंह ने बताया कि फिलहाल स्प्रेयर को बनाने में उनके दल को करीब 5,000 रुपये की लागत आई है और कारखाने में इस यंत्र का बड़े पैमाने पर वाणिज्यिक निर्माण किए जाने पर इसकी लागत घट सकती है.


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