सोमनाथ विवाद के बाद कांग्रेस का दावा, 'असली' हिंदू नहीं हैं पीएम नरेंद्र मोदी
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सोमनाथ विवाद के बाद कांग्रेस का दावा, 'असली' हिंदू नहीं हैं पीएम नरेंद्र मोदी

वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने दावा किया, हिन्दूवाद का हिन्दुत्व से कोई लेना-देना नहीं है और मोदी ने बाद में दोनों को मिला दिया. 

सोमनाथ विवाद के बाद कांग्रेस का दावा, 'असली' हिंदू नहीं हैं पीएम नरेंद्र मोदी

नई दिल्ली: कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी से जुड़े सोमनाथ मंदिर विवाद के ठीक एक दिन बाद कांग्रेस ने एक वरिष्ठ नेता ने गुरुवार (30 नवंबर) को दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 'असली' हिन्दू नहीं हैं. वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने दावा किया, हिन्दूवाद का हिन्दुत्व से कोई लेना-देना नहीं है और मोदी ने बाद में दोनों को मिला दिया. उन्होंने पूछा कि पीएम मोदी कितनी बार मंदिर गए हैं? इसके साथ ही सिब्बल ने कहा कि वह (पीएम मोदी) असली हिंदू नहीं हैं. सिब्बल के इस दावे पर तीखी प्रतिक्रिया करते हुए भाजपा ने कहा कि लोग जानते हैं कि कोई ‘रामभक्त’ है और कौन ‘रोमभक्त’. इस टिप्पणी का सीधा संकेत कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के इतालवी पृष्ठभूमि का होने की ओर है.

  1. राहुल ने 29 नवंबर को सोमनाथ मंदिर में दर्शन करके गुजरात में चुनाव प्रचार शुरू किया.
  2. राहुल ने खुद को ‘शिव-भक्त’ कहा था और वह जनेऊधारी हिंदू हैं.
  3. भाजपा ने कहा था कि राहुल गांधी के सहयोगी ने रजिस्टर पर दस्तखत किये.

पूर्व केन्द्रीय मंत्री सिब्बल ने मोदी पर निशाना साधते हुए संवाददाताओं से कहा, ‘मैं यह पूछना चाहता हूं कि प्रधानमंत्री रोज कितनी बार मंदिर जाते हैं. जो हिन्दुवाद की भावनाओं का सम्मान करते हैं वे मंदिरों का सम्मान भी करते हैं. आपने हिन्दू धर्म छोड़ दिया है. आपने हिन्दुत्व को अपना लिया है जिसका हिन्दुवाद के कोई कोई लेनादेना नहीं है. आप असली हिन्दू नहीं हैं.’ इस पर पलटवार करते हुए भाजपा प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हन ने कहा, ‘लोग जानते हैं कि कौन राम भक्त है और कौन रोम भक्त. कांग्रेस सरकार ने 2007 में उच्चतम न्यायालय से कहा था कि भगवान राम का अस्तित्व नहीं है. बाबर की भक्ति अयोध्या में हिन्दू मंदिर को नकारने के लिए है.’

राव ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने हिन्दू आतंकवाद का शब्द दिया था. उन्होंने कहा, ‘2जी घोटाले में अपने प्रसिद्ध शून्य नुकसान के सिद्धांत की तरह, जिसे उच्चतम न्यायालय ने खारिज कर दिया था, कपिल सिब्बल अब एक नया शून्य सिद्धांत लेकर आये हैं और कह रहे हैं कि नरेन्द्र मोदी असली हिन्दू नहीं है.’

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उल्लेखनीय है कि राहुल गांधी के बीते 29 नवंबर को सोमनाथ मंदिर के दौरे से विवाद खड़ा हो गया जहां उनका नाम गैर-हिंदुओं के लिए रखी गयी प्रवेश पंजी पर लिखा मिला, जिसके बाद कांग्रेस ने इसे फर्जी करार दिया, वहीं भाजपा ने कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष को जनता के सामने अपनी धार्मिक आस्था का खुलासा करना चाहिए.

कांग्रेस ने भाजपा पर अपने उपाध्यक्ष के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया और कहा कि राहुल ने खुद को ‘शिव-भक्त’ कहा था और वह जनेऊधारी हिंदू हैं. हालांकि भाजपा ने साजिश के आरोप को बेबुनियाद बताते हुए कहा था कि राहुल गांधी के जिस सहयोगी ने रजिस्टर पर दस्तखत किये थे वह कांग्रेस से जुड़े हैं.

मंदिर प्रशासन ने सफाई देते हुए कहा कि राहुल के मीडिया समन्वयक ने उनका नाम मंदिर में गैर-हिंदुओं के लिए रखे गये रजिस्टर में लिखा और पूरे मामले से मंदिर के किसी कर्मचारी का कोई लेनादेना नहीं है. इस मंदिर में गैर-हिंदुओं को प्रवेश की अनुमति है, लेकिन उन्हें पहले मंदिर के कार्यालय में अपना नाम दर्ज कराना होता है. राहुल ने बीते 29 नवंबर को सोमनाथ मंदिर में दर्शन करके गुजरात में चुनाव प्रचार के अपने दो दिन के दौरे की शुरुआत की थी. भगवान शिव का यह मंदिर अहमदाबाद से करीब 400 किलोमीटर दूर है.

मंदिर में गैर-हिंदुओं के लिए रखे गये रजिस्टर के उस कथित पन्ने की फोटोकॉपी राहुल के मंदिर दर्शन के कुछ ही समय बाद सोशल मीडिया पर वायरल हो गयी जिस पर राहुल और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अहमद पटेल के नाम लिखे थे. उनके नाम के आगे कांग्रेस के मीडिया समन्वयक मनोज त्यागी के हस्ताक्षर थे.

(इनपुट एजेंसी से भी)

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