आजादी के 71 साल बाद बदलेंगे अंतरिक्ष, स्वास्थ्य और सेना
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आजादी के 71 साल बाद बदलेंगे अंतरिक्ष, स्वास्थ्य और सेना

प्रधानमंत्री ने शार्ट सर्विस कमीशन से सेना में आई महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने के बारे में बड़ी घोषणा की. 

स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार पांचवीं बार लालकिले की प्राचीर से भगवा साफे में स्वतंत्रता दिवस पर देश को संबोधित किया. उम्मीद के मुताबिक प्रधानमंत्री ने आज अपनी सरकार की चार साल की उपलब्धियां गिनाईं. इसके साथ ही उन्होंने तीन प्रमुख घोषणाएं कीं.

  1. प्रधानमंत्री ने तीन प्रमुख घोषणाएं कीं.
  2. भारत अंतरिक्ष यान और यात्री भेजेगा.
  3. आयुष्मान भारत 25 सितंबर से लागू होगा.

प्रधानमंत्री ने पहली घोषणा की कि भारत आजादी के 75 साल पूरे होने पर 2022 में या उससे पहले ही दुनिया का चौथा ऐसा देश बन जाएगा तो अपना अंतरिक्ष यान और अंतरिक्ष यात्री भारत में भेजेगा. इसके पहले 1984 में भारत के राकेश शर्मा अंतरिक्ष में आठ दिन बिता चुके हैं. शर्मा से जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पूछा था कि ऊपर से दुनिया कैसी दिखती है तो शर्मा ने कहा था- सारे जहां से अच्छा हिंदोस्तां हमारा. लेकिन उस समय शर्मा भारत के बजाय सोवियत संघ के अंतरिक्ष यान में बैठकर गए थे.

अब भारत अगर अपना अंतरिक्ष यान बनाता है तो यह एक नई पहल होगी.

प्रधानमंत्री ने दूसरी बड़ी घोषणा आयुष्मान भारत के बारे में की. इस साल बजट में सरकार घोषणा कर चुकी थी कि देश में आयुष्मान भारत योजना के तहत 10 करोड़ परिवारों को 5  लाख रुपये सालाना स्वास्थ्य बीमा दिया जाएगा. प्रधानमंत्री ने आज घोषणा की कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर 25 सितंबर से यह योजना देश में लागू कर दी जाएगी.

प्रधानमंत्री ने तीसरी बड़ी घोषणा शार्ट सर्विस कमीशन से सेना में आई महिलाओं अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने के बारे में की.

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विज्ञान में धाक और महिलाओं की बराबरी

इन तीन घोषणाओं में पहली घोषणा दुनिया में विज्ञान के नक्शे पर भारत की धाक जमाने के काम आएगी तो वहीं तीसरी घोषणा महिलाओं को देश सेवा में बराबरी का मौका देने के रास्ते खोलेगी.

लेकिन सबसे महत्वपूर्ण घोषणा दूसरी वाली है, यानी आयुष्मान भारत की योजना. चुनाव की तैयारी में जा रहे देश में प्रधानमंत्री ने योजना के पूरे नाम 'प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना' पर विशेष जोर दिया. इस योजना के तहत देश की करीब 40 फीसदी आबादी को स्वास्थ्य बीमा दिया जाना है.

जाहिर है कि 25 सितंबर से जब योजना लागू होगी तो इसका प्रेक्टिकल मतलब यह होगा कि इसके लिए लोगों के रजिस्ट्रेशन, योजना को लागू करने के लिए कंपनियों का चयन और दूसरी प्रक्रियाएं शुरू होंगी. जाहिर है ऐसे में वैसा ही माहौल बनेगा जैसा जन-धन खाते खोलने के दौरान बना था. सरकार चाहेगी कि यह योजना लोकसभा चुनाव से ठीक पहले व्यावहारिक रूप से अपना असर पैदा करने लगे. अगर यह योजना वैसा ही असर पैदा करती है जैसी की उम्मीद की जा रही है तो लोकसभा चुनाव के परिणाम पर इसका जबरदस्त असर पड़ेगा.

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