दिल्ली में श्रीश्री रविशंकर का कार्यक्रम: जल संसाधन मंत्रालय ने NGT से कहा- नहीं दी मंजूरी
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दिल्ली में श्रीश्री रविशंकर का कार्यक्रम: जल संसाधन मंत्रालय ने NGT से कहा- नहीं दी मंजूरी

जल संसाधन मंत्रालय ने एनजीटी को से कहा है कि श्रीश्री रविशंकर के वर्ल्ड कल्चर फेस्टिवल को मंजूरी नहीं दी। इस मामले को लेकर एनजीटी में सुनवाई जारी है। हालांकि बीजेपी सांसद मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि श्री श्री के कार्यक्रम को सारी मंजूरी है, लेकिन उनके मंत्रालय का कहना है कि मंजूरी नहीं है।

दिल्ली में श्रीश्री रविशंकर का कार्यक्रम: जल संसाधन मंत्रालय ने NGT से कहा- नहीं दी मंजूरी

नई दिल्ली: जल संसाधन मंत्रालय ने एनजीटी को से कहा है कि श्रीश्री रविशंकर के वर्ल्ड कल्चर फेस्टिवल को मंजूरी नहीं दी। इस मामले को लेकर एनजीटी में सुनवाई जारी है। हालांकि बीजेपी सांसद मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि श्री श्री के कार्यक्रम को सारी मंजूरी है, लेकिन उनके मंत्रालय का कहना है कि मंजूरी नहीं है।

इससे पहले बुधवार को सुनवाई के दौरान एनजीटी ने पर्यावरणीय मंजूरी के मामले में उसके कहे अनुसार शपथपत्र दायर नहीं करने पर पर्यावरण एवं वन मंत्रालय की खिंचाई की। एनजीटी ने दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति से पूछा कि क्या वह जांच किए बिना यमुना नदी में एंजाइम डालने की अनुमति दे सकती है। एनजीटी ने केंद्र, दिल्ली सरकार और डीडीए से पूछा कि क्या एओएल समारोह की तैयारियों और इसके परिणामस्वरूप पड़ने वाले असर के संबंध में कोई पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन किया गया था। दिल्ली सरकार ने एनजीटी को बताया कि सीपीडब्ल्यूडी ने संरचनात्मक सुरक्षा संबंधी मसलों के कारण एओएल से प्रधानमंत्री के लिए एक अलग मंच बनाने को कहा था। एनजीटी ने एओएल से मंच के निर्माण, नदी के डूब क्षेत्र को समतल करने, मलबा हटाने और पंटून पुल के निर्माण में हुए खचरें की जानकारी जमा करने को कहा। वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने एनजीटी में हलफनामा दायर कर बताया है कि डूब वाले क्षेत्रों में अस्थायी ढांचे के लिए किसी भी पर्यावरणीय मंजूरी की आवश्यकता नहीं है।

दिल्ली पुलिस का कहना है विश्व संस्कृति महोत्सव के आयोजन स्थल पर मौजूद ‘खामियों’ को यदि तुरंत दुरूस्त नहीं किया गया तो वहां भगदड़ और अफरा तफरी मच सकती है। यमुना खादर क्षेत्र में 11-13 मार्च को आयोजित होने वाले इस महोत्सव का आयोजन श्री श्री रविशंकर का ‘आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन’ कर रहा है। गौर हो कि दिल्ली में यमुना के बाढ़ के डूब वाले क्षेत्र में प्रस्तावित विवादास्पद तीन दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम के सिलसिले में राष्ट्रीय हरित अधिकरण के कल के तीखे सवाल करने के बाद उस पर संशय के बादल मंडराने लगे है। पर्यावरणविद पहले से ही इस आयोजन के विरूद्ध हैं।

राष्ट्रीय हरित अधिकरण की सुनवाई के दौरान केंद्र से सवाल किया कि इस महोत्सव के लिए यमुना के मैदान में ढांचे खड़ा करने के लिए पर्यावरण संबंधी अनापत्ति की जरूरत क्यों नहीं है। ये कार्यक्रम द आर्ट आफ लिविंग के 35 वर्ष मनाने के लिए डीएनडी फ्लाईओवर के पास यमुना के पश्चिमी तट के पास 11 से 13 मार्च तक आयोजित होना है। इसे केंद्र एवं दिल्ली सरकार एवं अन्य का समर्थन हासिल है। इस कार्यक्रम में करीब 35 लाख लोगों के हिस्सा लेने की उम्मीद है।

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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