श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के श्रीनगर में प्रशासन की इजाजत के बिना मोहर्रम (Moharram) का जुलूस निकाल रहे लोगों पर पुलिस ने कार्रवाई की. पुलिस ने शनिवार को लोगों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और पैलेट गन का इस्तेमाल किया. इस कार्रवाई में मोहर्रम के जुलूस में शामिल 19 लोग घायल हो गए. इस दौरान कुछ लोगों के चेहरे पर गंभीर चोटें लगीं.


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जुलूस निकालने के दौरान पुलिस से झड़प
बता दें कि शनिवार को श्रीनगर के बेमिना इलाके में कुछ लोग पाबंदियों का उल्लंघन करके मोहर्रम के 9वें दिन जुलूस निकाल रहे थे. जब जुलूस बेमिना चौक के पास पहुंचा तब पुलिस और जुलूस में शामिल लोगों के बीच झड़प हो गई. पुलिस ने लोगों को समझाने की कोशिश की लेकिन वो मानने के लिए तैयार नहीं थे. जिसके बाद बल का प्रयोग किया गया.


एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि श्रीनगर के कुछ हिस्सों में COVID-19 के मद्देनजर लागू प्रतिबंधों का उल्लंघन करते हुए लोगों ने जुलूस निकाला था. श्रीनगर में बेमिना के अलावा अन्य जगहों पर भी जूलूस निकालने की कोशिश की गई.


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श्रीनगर और बडगाम में 144 धारा लागू
अधिकारियों ने बताया कि मुहर्रम का जुलूस निकालने से रोकने के लिए श्रीनगर और बडगाम के कुछ हिस्सों में धारा 144 के तहत लोगों की आवाजाही और एक जगह इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगाया गया है. किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए अन्य क्षेत्रों में भी भारी संख्या में सुरक्षाबल तैनात किए गए हैं.


उन्होंने आगे कहा कि रविवार को मुहर्रम के दसवें दिन के मद्देनजर इन क्षेत्रों में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पाबंदियां लगाई गई हैं. मुहर्रम के आठवें दिन इन क्षेत्रों में जुलूस गुजरते थे लेकिन 1990 में आतंकवाद के सिर उठाने के बाद से उस पर रोक लगा दी गई. इन कार्यक्रमों का इस्तेमाल अलगाववादी राजनीति के प्रसार में किया जाता रहा है.


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