PHOTOS: शिक्षा से लेकर गरीब बच्चों की हर जरूरतों को पूरा करता 'HOPE'
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PHOTOS: शिक्षा से लेकर गरीब बच्चों की हर जरूरतों को पूरा करता 'HOPE'

शनिवार (5 अक्टूबर 2019) को सेंट थॉमस स्कूल के 'HOPE' की चौथी वर्षगांठ पर सांस्कृतिक समारोह का आयोजन किया गया. 

'HOPE' से जरूरतमंद बच्चों को मिल रही नई दिशा.

नई दिल्ली: 'अपना गम लेकर कहीं और न जाया जाए, घर में बिखरी हुई चीजों को सजाया जाए... घर से मस्जिद है बहुत दूर चलो यूं कर लें, किसी रोते हुए बच्चे को हंसाया जाए..." यह लाइन मरहूम शायर निदा फाजली का है, जिस पर आज गाजियाबाद के इंदिरापुरम में स्थित सेंट थॉमस स्कूल चल रहा है. जी हां, इस स्कूल का एक संकल्प है कि वह गरीबी से जूझ रहे बच्चों को कभी भी शिक्षा से दूर नहीं जाने देंगे और उनकी हर जरूरतों का पूरा ख्याल भी रखेंगे. इसी सोच के साथ इस स्कूल ने 'होप' (HOPE- Helping Other to Progress through education) की शुरुआत की थी.

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जो लोग अपने बच्चों को संसाधनों की कमी और आर्थिक तंगी के कारण पढ़ाने में असमर्थ हैं, उनके लिए स्कूल की शुरुआत 'होप' बहुत बड़ी उम्मीद बनकर सामने आया. इसके माध्यम ने न सिर्फ गरीब बच्चों को पढ़ाई मुफ्त में दी जाती है, बल्कि उनके पहनावे से लेकर खाने तक की जिम्मेदारी का बोझ भी 'होप' ही उठा रहा है. यहां पर गरीब घरों के बच्चे सिर्फ पढ़ाई ही नहीं कर रहे हैं, बल्कि देश के भविष्य के नए रंग भरने का काम भी कर रहे हैं. 

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होप स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के साथ-साथ घर का बना हुआ शुद्ध भोजन और दूसरी जरूरत की चीजें उपलब्ध कराई जाती हैं. होप स्कूल में अच्छा प्रदर्शन करने वाले बच्चों को सेंट थॉमस स्कूल में एडमिशन दिया जाता है. हर साल अक्टूबर में इन्हीं बच्चों के द्वारा एक सांस्कृतिक और रंगारंग कार्यक्रम पेश किए जाते हैं. शनिवार (5 अक्टूबर 2019) को 'होप' की चौथी वर्षगांठ पर सांस्कृतिक समारोह का आयोजन किया गया. 

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बता दें, इस होप स्कूल में अभी लगभग 100 के आसपास बच्चे पढ़ते हैं और हर साल दो बच्चों को होप से सेंट थॉमस स्कूल में लाया जाता है. होप से हर साल दो बच्चों को सलेक्शन सेंट थॉमस स्कूल में किया जाता है और यहां भी उन्हें सारी चीजें मुफ्त में दी जाती हैं. उनकी काबलियत के हासिब से उन्हें सेंट थॉमस के क्लास में फ्री में एडमिशन दी जाती है. ड्रेस से लेकर बुक्स तक की खर्च यहां स्कूल खुद उठाता है. 

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गौरतलब है कि हमारे देश में ऐसे कई गरीब बच्चे हैं जो पढ़ना तो चाहते हैं, लेकिन व्यवस्थाओं के अभाव के कारण वह चाह कर भी पढ़ नहीं पाते. उनके माता-पिता की भी कोशिश होती है कि उनके बच्चे किसी अंग्रेजी स्कूल में जाकर पढ़ें, लेकिन उनके सामने जो सबसे बड़ी समस्या होती है वह है पैसों की समस्या. अब ऐसे ही वंचित और गरीब बच्चों की उम्मीदों और उनके सपनों को पंख लगाने का काम कर रहा है होप स्कूल. आमतौर पर ऐसे स्कूलों को कोई सरकारी या गैरसरकारी संस्थाओं द्वारा संचालित किया जाता है, लेकिन होप को संचालित करने का बीड़ा सेंट थॉमस स्कूल ने उठाया है. 

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बता दें, इस स्कूल के चेयरमैन रहे फादर सजी योहानन ने HOPE स्कूल की शुरुआत की थी, जहां गरीब बच्चों को शिक्षा दी जाती है और इसका पूरा खर्च भी सेंट थॉमस द्वारा ही उठाया जाता है. यहां बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ सांस्कृतिक गतिविधियों और शिष्टाचार का पाठ भी पढ़ाया जाता है. इस HOPE में 20 से 22 शिक्षक भी शामिल हैं, जो अपना समय इन बच्चों को मुफ्त में देते हैं. सेंट थॉमस स्कूल के चेयरमैन फादर सजी मैथ्यूज ने अपने पूर्व चेयरमैन फादर सजी योहानन के कार्यों को जारी रखते हुए इसे एक नई दिशा प्रदान की है. इस अवसर पर चेयरमैन फादर सजी मैथ्यूज, प्रिंसिपल, शिक्षकगण और अन्य अतिथि मौजूद थे. 

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