पंजाब में अभी नया मोटर व्हीकल एक्ट लागू नही किया गया है. जिसके चलते, ट्रैफिक रूल्स तोड़ने वालों के खिलाफ करवाई पुराने एक्ट के तहत ही होगी.
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चंडीगढ़: सड़क हादसों पर अंकुश लगाने के मकसद से लागू किये गए न्यू मोटर व्हीकल एक्ट का असर अब पंजाब में होने वाले उपचुनाव के दिनों में भी देखने को मिलेगा. हालांकि यह बात दीगर है कि पंजाब में अभी नया मोटर व्हीकल एक्ट लागू नही किया गया है. जिसके चलते, ट्रैफिक रूल्स तोड़ने वालों के खिलाफ करवाई पुराने एक्ट के तहत ही होगी. चुनावी दिनों में चुनाव आयोग ट्रैफिक नियमों की अवहलेना बर्दाश्त नहीं करेगा.
चुनाव आयोग की खास नजर उन रैलियों पर होगी, जिनमें चुनाव प्रचार में शामिल वाहन चालक ट्रैफिक नियमों को जम कर तोड़ते हैं और पुलिस चुपचाप तमाशा देखती है. चुनाव आयोग पुलिस प्रशासन को ऐसे वाहन चालकों के खिलाफ निश्चित रूप में कार्रवाई करने के निर्देश देने जा रहा है. संभावना है कि पंजाब की खाली चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हरियाणा विधानसभा चुनाव के साथ हो सकते हैं.
पंजाब में नया मोटर व्हीकल एक्ट भले ही लागू नहीं हुआ है, मगर चुनाव आयोग चुनाव के दिनों में ट्रैफिक रूल्स की अवहेलना बर्दाश्त नहीं करेगा. क्यूंकि, चुनाव के दौरान सरकारी मशीनरी चुनाव आयोग के अधीन काम करती है, लिहाजा राज्य चुनाव आयोग इस बार यह नहीं चाहता कि चुनावी प्रचार के बहाने लोग ट्रैफिक रूल्स को ठेंगा दिखाते हुए वाहन रैलियां निकालें.
पंजाब के मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. एस करुणा राजू के अनुसार नए मोटर व्हीकल एक्ट लागू होने से देश में ट्रैफिक नियमों की अनुपालना का माहौल बना है और इस मुहीम को आगे बढ़ाए जाने की आवश्यकता है. पंजाब में कांग्रेस की सरकार है और अभी तक पंजाब में भी नया मोटर व्हीकल एक्ट लागू नहीं किया गया है. लेकिन, चुनाव आयोग का मानना है कि ट्रैफिक नियमों की पालना निश्चित करवाना जरुरी है.
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ट्रैफिक रूल्स तोड़ने वालों के खिलाफ पुलिस राज्य की निति के अनुसार, पुराने मोटर व्हीकल एक्ट के तहत भी करवाई कर सकती है. गौरतलब है कि चुनावी मौसम में अकसर राजनैतिक पार्टियां या उम्मीदवार सड़कों पर वाहन रैलियां निकालते हैं, मगर इस दौरान ट्रैफिक रूल्स को जानबूझ कर तोड़ा जाता है. पुलिस मौके पर मौजूद होने के बावजूद भी कोई करवाई करने से हिचकचाती है. इसकी वजह से कई भयानक दर्दनाक हादसे भी कई स्थानों पर हो चुके हैं.
मुख्य निर्वाचन अधिकारी के अनुसार, आयोग ने पुलिस-प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि उपचुनाव के दौरान ट्रैफिक रूल्स की पालना सुनिश्चित की जाए. बहरहाल पंजाब में उपचुनाव हरियाणा ,महाराष्ट्र और झारखंड के विधानसभा चुनाव के साथ तय माने जा रहे हैं, लेकिन पंजाब में राज्य चुनाव आयोग द्वारा की गई इस पहल पर क्या बाकी चुनावी राज्य भी अमल करेंगे यह अभी देखना होगा.