Advertisement
trendingNow12952803

SIA ने कश्मीर में आतंकियों की जिंदगी बना दी जहन्नुम! 2025 में मारा इतना छापा, सात पुश्ते रखेंगी याद, तोड़ डाला आतंकी नेटवर्क

राज्य जांच एजेंसी (SIA) ने कश्मीर के 6 जिलों अनंतनाग, शोपियां, कुलगाम, सोपोर, बडगाम और बांदीपोरा में यूएपीए केस में 10 जगहों पर छापेमारी की है. पुलिस और सीआरपीएफ की मदद से तड़के तलाशी ली गई. जानें पूरी खबर.

SIA ने कश्मीर में आतंकियों की जिंदगी बना दी जहन्नुम! 2025 में मारा इतना छापा, सात पुश्ते रखेंगी याद, तोड़ डाला आतंकी नेटवर्क

कश्मीर घाटी में सुबह के उजाले से पहले ही हलचल मच गई है. राज्य जांच एजेंसी (SIA) ने आतंकवादी तंत्र को नेस्तनाबूद करने के लिए बड़ा कदम उठाया है. यूएपीए यानी गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम कानून के एक केस में FIR नंबर 1/2025 के तहत 10 लोकेशंस पर तलाशी ली गई.दक्षिण, उत्तर और मध्य कश्मीर के 6 जिलों अनंतनाग, शोपियां, कुलगाम, सोपोर, बडगाम और बांदीपोरा में SIA की टीमें, लोकल पुलिस और सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF) के जवान एक साथ उतर पड़े.

सूत्रों के मुताबिक, ये छापे उन संदिग्धों पर केंद्रित थे जो आतंकी ग्रुप्स के लिए 'स्लीपर सेल' या ओवरग्राउंड वर्कर्स की तरह काम कर रहे हैं.अभी तक कोई गिरफ्तारी की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई, लेकिन कार्रवाई के दौरान कुछ इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए गए, जिनकी आगे जांच होगी. ये सब आतंकवाद के जड़ों को काटने की लगातार चल रही कोशिश का हिस्सा है.

आतंकी फंडिंग से स्लीपर सेल्स तक: SIA की 2025 की सिलसिला
इस साल SIA ने कश्मीर में आतंक के खिलाफ कई बार ताबड़तोड़ ऐक्शन लिया है. अप्रैल में दक्षिण कश्मीर के पुलवामा, शोपियां, कुलगाम और अनंतनाग जिलों में 20 स्थानों पर छापे मारे गए. यह अभियान लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मुहम्मद जैसे आतंकवादी समूहों से जुड़े व्यक्तियों पर केंद्रित था, जो कथित तौर पर कट्टरपंथी दुष्प्रचार फैला रहे थे.

Add Zee News as a Preferred Source

जुलाई में क्रिप्टोकरेंसी से आतंकवाद को फंडिंग देने के केस में जम्मू, डोडा और हंदवाड़ा में 3 जगहों पर छापे मारे. वहां सीमा पार से आने वाले पैसे से हमलों की साजिश रचने वाले इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स जब्त हुए. मई में श्रीनगर के 18 ठिकानों पर दबिश दी गई, जो 2024 की FIR 01 से जुड़ी थी. उसी महीने एक और ऑपरेशन में मध्य और उत्तरी कश्मीर के 11 स्पॉट्स पर छापे पड़े.

इसके नतीजे में श्रीनगर में 23 युवाओं पर जन सुरक्षा कानून (PSA) के तहत केस दर्ज हुआ, जो कथित तौर पर आतंकी कनेक्शंस रखते थे.अप्रैल में दक्षिण कश्मीर के पुलवामा, शोपियां, कुलगाम और अनंतनाग के 20 ठिकानों पर कार्रवाई हुई.ये लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मुहम्मद जैसे ग्रुप्स से जुड़े लोगों पर थी, जो कट्टरपंथ फैला रहे थे. कुल मिलाकर, 2025 में SIA ने दर्जनों छापों से आतंकी नेटवर्क को कमजोर किया है.

क्यों जरूरी ये कार्रवाई?
सुरक्षा का मतलबकश्मीर में शांति बनाए रखने के लिए ऐसी कार्रवाई बहुत जरूरी है.स्लीपर सेल्स मतलब वो छिपे हुए लोग जो अचानक सक्रिय होकर हमला कर सकते हैं.ओवरग्राउंड वर्कर्स तो इनका सपोर्ट सिस्टम हैं - लॉजिस्टिक्स, फंडिंग या मैसेजिंग से मदद. SIA के ये स्टेप्स न सिर्फ हमलों को रोकते हैं, बल्कि युवाओं को गुमराह होने से बचाते हैं. घाटी में टूरिज्म बढ़ रहा है, नॉर्मल लाइफ लौट रही है, लेकिन बॉर्डर पार से खतरा बरकरार है.इन छापों से सुरक्षा एजेंसियां एक कदम आगे रहती हैं.

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

About the Author
author img
krishna pandey

कृष्णा पांडेय, ज़ी न्यूज़ डिजिटल में चीफ सब-एडिटर के रूप में कार्यरत हैं. वह राजनीति, अंतरराष्ट्रीय मामलों, क्राइम, और फीचर जैसे कई बीट्स पर काम करते हैं. इनकी खासियत है इन-डेप्थ एक्सप्लेनर और संवे...और पढ़ें

TAGS

Trending news