राजस्थान के 2300 शिक्षण संस्थानों की मान्यता रद्द, सरकार ने रोकी छात्रवृत्ति
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राजस्थान के 2300 शिक्षण संस्थानों की मान्यता रद्द, सरकार ने रोकी छात्रवृत्ति

प्रदेश में 2384 ऐसे शिक्षण संस्थान बिना मान्यता के चल रहे है. ऐसे में अब शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं को छात्रवृत्ति नहीं मिलेगी. 

सरकार ने मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थानों की सूची भी जारी की है.

जयपुर: राजस्थान में 2300 से ज्यादा सरकारी और प्राइवेट इंस्टीट्यूट लाखों बच्चों के साथ खिलवाड़ कर रहे है. खबर के मुताबिक, प्रदेश मे हजारों इंस्टीट्यूट ने संबंधित यूनिवर्सिटी से मान्यता ही नहीं ली, जिसका खामियाजा अब इन इंस्टीट्यूट में पढने वाले स्टूडेंट्स को भुगतना पड़ेगा. 

बता दें कि, सरकारी स्कॉलरशिप केवल मान्यता प्राप्त इंस्टीट्यूट को ही मिलती है. ऐसे में अब लाखों छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है.आखिर बच्चों का भविष्य कैसे बर्बाद हो रहा है. हालांकि, राजस्थान में केवल प्राइवेट शिक्षण संस्थान ही नहीं, बल्कि सरकारी यूर्निवर्सिटी, कॉलेज और शिक्षण संस्थान भी बच्चों के भविष्य को बर्बाद कर रहे है.

अब तक मिली जानकारी के मुताबिक, प्रदेश में 2384 ऐसे शिक्षण संस्थान बिना मान्यता के चल रहे है. ऐसे में अब शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं को छात्रवृत्ति नहीं मिलेगी. सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने बिना मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थानों की सूची जारी की है, जिसमें इन सभी शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं को मिलने वाली सरकारी छात्रवृत्ति नहीं मिल पाएगी. विभाग के निदेशक सांवरमल वर्मा ने इस संबंध में आदेश जारी किए है.

वहीं, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग मंत्री भंवरलाल मेघवाल इस मामले में यह साफ कर दिया है कि जिस यूनिवर्सिटी की मान्यता होगी, उसे ही छात्रवृत्ति मिलेगी. बिना मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले स्टूडेंटस को सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग पत्र भी लिख रहा है. उनसे पत्र लिखकर विभाग ये अनुरोध कर रहा है कि केवल मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थानों मे ही एडमिशन ले, ताकि भविष्य में यदि आप किसी नौकरी में जाएंगे तो आपका डिग्री मान्य हो.

इन संस्थानों से यदि डिग्री ले भी ली तो आपकी डिग्री मान्य नहीं होगी. इसके आपके भविष्य भी खराब हो सकता है. इसलिए विभाग स्टूडेंट्स से यही अनुरोध कर रहा है कि जल्द से जल्द केवल मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थानों में ही एडमिशन ले. भंवरलाल मेघवाल के मुताबिक सरकार ने इसकी सूची तैयार कर ली है, जिसमें बच्चों को पत्र लिखकर सजग किया जा रहा है.

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