मुंबई में हर किलोमीटर पर 510 गाड़ियां, कारों के जमघट से सफर मुश्किल!
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मुंबई में हर किलोमीटर पर 510 गाड़ियां, कारों के जमघट से सफर मुश्किल!

मुंबई की तुलना अगर देश की दूसरों शहरों से करें तो भी यहां गाड़ियों की संख्या अनुपात से अधिक है. पूणे में 365 कार, कोलकाता में 324, चेन्नई में 297 और बेंगलुरु में तकरीबन 150 कार प्रति किलोमीटर है.

मुंबई में गाड़ियों की है भरमार. फाइल तस्वीर

मुंबई: मायानगरी मुंबई की सड़कों पर गाड़ियों की जमघट देश भर में सबसे अत्यधिक होने से सड़क यातायात की हालत बेहद दयनीय है. मुंबई की महज 2000 किलोमीटर की सड़क प्रति किलोमीटर 500 गाडियां हैं. तकरीबन 37 लाख मुंबई में रजिस्टर्ड गाड़ियों की की संख्या है, जो इस शहर कुल आबादी का तकरीबन 28 प्रतिशत है. परिवहन विभाग के अधिकारिक आंकड़े के मुताबिक 15 लाख लोग वैसे हैं, जिनके पास दो गाड़ियां हैं. 

गाड़ियों की अधिकता के कई कारण बताए गए हैं. अशोक दत्तार के पूर्व परिवहन आयुक्त के मुताबिक- 'हर रिहायशी इलाके या व्यवसायिक प्रतिष्ठान के 750 मीटर के दायरे में पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सहुलियत होनी चाहिए, जिसका एक हद तक अभाव है. इसके अलावा एक गाड़ी तीन पार्किंग स्पेस लेती है, मसलन यदि गाड़ी का मालिक घर पर है तो घर के पार्किंग स्पेस, गाड़ी का मालिक कार्यालय में है तो वहीं और जिस इलाके में रोज जाता है तो वहां का पार्किंग स्पेस. इससे गाड़ियों के तीन गुणा स्पेस की जरूरत होती है. इसके अलावा निजी वाहन से चलने की आदत भी सड़कों पर ज्यादा वाहन आने के कारण हैं.'

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मुंबई की तुलना अगर देश की दूसरों शहरों से करें तो भी यहां गाड़ियों की संख्या अनुपात से अधिक है. पूणे में 365 कार, कोलकाता में 324, चेन्नई में 297 और बेंगलुरु में तकरीबन 150 कार प्रति किलोमीटर है. हालांकि महाराष्ट्र परिवहन आयुक्त के मुताबिक मुंबई में हो रहे निर्माण कार्य सड़कों पर मौजूदा कन्सट्रक्शन से इन आंकड़ों में तब्दीली हो सकती है. लेकिन ये तय‌ है कि मुंबई में गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन में पिछले दिनों तकरीबन 17 प्रतिशत की कमी थी, जो दिपावली के दौरान बढ़कर 2 प्रतिशत की कमी रही है.‌

परिवहन विभाग गाड़ियों के बढ़ती संख्या पर नियंत्रण करने का एक मात्र उपाय पब्लिक ट्रांसपोर्ट में इजाफा करना मानता है. हालांकि आंध्र प्रदेश के मानिंद एक ही परिवार में दो गाड़ियों के अलावा तीसरी गाड़ी के रजिस्ट्रेशन पर अधिक रजिस्ट्रेशन शुल्क लगाकर शहरों में गाड़ियों की संख्या पर नियंत्रण करने के लिए नियमावली में बदलाव की जरुरत की तरफ जरुर इशारा कर रहा है.

विभाग के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक इस तरह के विकल्प भी जल्द हो सकते हैं, लेकिन इसके लिए उच्च स्तर पर कड़े निर्णय लेने होंगे. आंकड़ों के मुताबिक इस साल तकरीबन पिछले साल अक्टूबर महीने तक तकरीबन महाराष्ट्र में 1470004 गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन हुआ था, जबकि साल 2019‌ में अक्टूबर 1244092 गाड़ियों का ही रजिस्ट्रेशन हुआ है, जो पिछले साल के मुकाबले तकरीबन 15.37 प्रतिशत की गिरावट हुई है. 

अकेले मुंबई में 173857 गाड़ियां साल 2018 में अक्टूबर महीने में रजिस्ट्रेशन हुई थी, जबकि इस साल 2019 के अक्टूबर महीने तक 143486 गाड़ियां ही रजिस्ट्रेशन हुई हैं, जो कि 17.47 प्रतिशत की गिरावट हुई है. इस दौरान नए सड़कों के निर्माण में प्रशासन की सुस्ती रही, जिससे सड़कों पर भीड़ पहले के मानिंद है.

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