रेलवे के सबसे बड़े संगठन ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन की बैठक 19 अक्टूबर को बुलाई गई है. इसमें वर्क टू रूल शुरू करने पर होगा निर्णय.
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नई दिल्ली : आने वाले त्योहारों मसलन दशहरा, दिवाली और छठ पूजा के लिए घर जाने की योजना बनाने वाले लोगों के लिए रेलवे की ओर से परेशानी भरी खबर आई है. 7वें वेतन आयोग के तहत रेलवे कर्मचारियों ने भत्ते दिए जाने और अन्य मांगों को लेकर 19 अक्टूबर से 'वर्क टू रूल' के तहत काम करने की तैयारी शुरू का दी है. इस संबंध में रेलवे के सबसे बड़े संगठन ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन की बैठक 19 अक्टूबर को बुलाई गई है.
19 अक्टूबर को अहम बैठक
इस मामले पर बात करते हुए ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के महासचिव शिव गोपाल मिश्रा ने बताया कि 7वें वेतन आयोग के तहत भत्ते, पुरानी पेंशन स्कीम सहित कई अन्य मांगों को लेकर रेल कर्मचारी लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. इसके बावजूद केंद्र सरकार की ओर से अब तक इन कर्मचारियों की मांगों के संबंध में कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है. ऐसे में कर्मचारी वर्क टू रूल नियम के तहत काम करने की तैयारी कर रहे हैं. इस संबंध में अंतमि निर्णय 19 अक्टूबर को ले लिया जाएगा.
आखिर ये होता है वर्क टू रूल
रेलवे कर्मचारियों के संगठन एआईआरएफ के महासचिव शिव गोपाल मिश्रा के अनुसार रेलवे में मौजूदा समय में लगभग 2.5 लाख कर्मचारियों की कमी चल रही है. इसमें बड़ी संख्या में कुछ ऐसे भी कर्मचारी हैं, जो ट्रेनों के बेहतर परिचालन के लिए जिम्मेदार हैं. इन कर्मचारियों की कमी के चलते बाकी कर्मचारियों पर काम का काफी दबाव है.
उन्होंने बताया कि मौजूदा समय में एक कर्मचारी को 8 घंटे की नौकरी करनी होती है लेकिन कई बार काम के दबाव के चलते कर्मचारी 12 घंटे तक की नौकरी कर रहे हैं. गाड़ियों में चल रहे ड्राइवरों पर कई बार तय समय से अधिक समय के लिए गाड़ी चलाने का दबाव बनाया जाता है. इस कारण उन्हें आराम भी नहीं मिल पाता. ऐसे में रेल कर्मी अपनी मांगों के लिए वर्क टू रूल के तहत काम करेंगे.
दशहरा बाद परेशान हो सकते हैं यात्री
19 अक्टूबर को दशहरा मनाया जाएगा. दशहरा के साथ ही दिवाली के लिए लोगों की घर जाने वाली भीड़ भी शुरू हो जाएगी. रेलवे विभाग ने इस दौरान यात्रियों की सुविधा के लिए कई विशेष ट्रेनें भी चलाने का ऐलान किया है. अग अगर ऐसे समय रेलकर्मी वर्क टू रूल के तहत काम करने की शुरुआत करते हैं तो इससे यात्रियों को परेशानी होना तय माना जा रहा है. इसके लागू होने के साथ ही लेट चल रही रेलगाड़ियों के मेंटिनेंस के साथ ही गाड़ियों के समय पर चलने में भी दिक्कत बढ़ सकती है.
रेल कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन
रेल कर्मचारियों के संगठन ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन की ओर से 7वें वेतन आयोग के तहत भत्ता दिए जाने और पुरानी पेंशन को बहाल करने की मांग करते हुए शुक्रवार को नई दिल्ली स्थित संसद मार्ग पर विरोध प्रदर्शन किया गया.
दे चुके हैं ज्ञापन
बता दें कि ऑल इंडिया लोको रंनिग स्टाफ एसोसिएशन के प्रतिनिधि मंडल ने एक ज्ञापन देकर रेलमंत्री और रेलवे बोर्ड के चेयरमैन को बताया था कि 7वें वेतन आयोग की विसंगतियों को शीघ्र दूर किया जाए, लोको पायलेट का माइलेज दर आएसी 1980 के अनुसार निर्धारण करने, सहायक लोको पायलेट का फिक्सेशन ग्रेड पे 2800 की दर से देने, सहायक लोको पायलेट का नाम परिवर्तन कर कॉ-पायलेट करने सहित अन्य मांग इस ज्ञापन में शामिल थीं.
ये हैं रेल कर्मियों की प्रमुख मांगें :
1. रनिंग कर्मचारियों पर निर्धारित काम के घंटे से अधिक समय तक गाड़ी चलाने के लिए अनुचित दबाव न डाला जाए.
2. इंजन कैब और गार्ड ब्रेकवान में मूलभूत सुविधाओं का अभाव दूर किया जाए.
3. रनिंग कर्मचारियों के लिए कार्यस्थल पर सुरक्षा के इंतजाम बढ़ाए जाएं.
4. रेलवे के सभी कर्मचारियों को आराम के लिए पर्याप्त समय दिया जाए.
5. महिला रनिंग स्टाफ के लिए रनिंग रूप में अलग से समुचित व्यवस्था की जाए.
6. रनिंग कर्मचारियों को लगातार 4 रात से अधिक काम करने के लिए विवश न किया जाए.